नई दिल्ली। चुनावी दंगल में पति-पत्नी के आमने-सामने की लड़ाई के कई उदाहरण देखे गए हैं, लेकिन एक साथ लोकसभा में पहुंचने का मौका बहुत कम मिलता है। इस बार 18वीं लोकसभा के दौरान जब सदन में सभी सांसद बैठेंगे, तो उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव और डिंपल यादव की जोड़ी सबका ध्यान खींचेगी। ऐसा पहली बार है कि किसी पार्टी (समाजवादी पार्टी) के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव एक साथ लोकसभा चुनाव जीते है।
अखिलेश ने अपनी पारंपरिक सीट कन्नौज से जीत दर्ज की, जबकि डिंपल यादव ने मैनपुरी से। दोनों ने ही रिकॉर्ड वोटों के अंतर से चुनाव जीता है। डिंपल यादव सपा की ओर से सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने वाली सांसद बनीं। उनके बाद अखिलेश यादव का नाम आता है। यह भी एक अलग तरह का रिकॉर्ड है। लोकसभा की कार्रवाई के दौरान जब दोनों सदन में मौजूद रहेंगे, तो सभी की निगाहें उन पर होंगी। अगर दोनों के लिए बैठने की जगह पास-पास होगी, तो यह देखना भी दिलचस्प होगा।
पिछली लोकसभा में साथ थे, लेकिन साथ निर्वाचित नहीं हुए
यह इत्तेफाक ही है कि पिछली लोकसभा 2019 में भी अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव साथ-साथ लड़े थे, लेकिन सदन के सदस्य एक साथ निर्वाचित नहीं हुए थे। अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़कर जीते, जबकि डिंपल यादव कन्नौज से लड़ीं लेकिन हार गईं। हालांकि सपा पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हुई, जिसके बाद डिंपल यादव वहां से उपचुनाव जीती और सदन में पहुंचीं।
तीन भाइयों के साथ सदन में होंगे अखिलेश
इस बार अखिलेश यादव न सिर्फ अपनी पत्नी के साथ लोकसभा में मौजूद रहेंगे, बल्कि उनके तीन भाई भी सांसद के रूप में सदन में होंगे। सैफई परिवार के पांच सदस्य निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे हैं। इसमें कन्नौज से अखिलेश यादव और मैनपुरी से डिंपल यादव के अलावा आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव और बदायूं से आदित्य यादव भी सांसद चुने गए हैं।
परिवार के साथ सदन में अखिलेश की नई शुरुआत
2000 के उपचुनाव में जब अखिलेश यादव पहली बार कन्नौज से सांसद बने थे, तब उनके पिता मुलायम सिंह यादव संभल से सांसद के रूप में उनके साथ लोकसभा में थे। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और धर्मेंद्र यादव सांसद बने थे। 2014 में पहली बार सैफई परिवार के पांच सदस्य लोकसभा में पहुंचे थे, जिसमें मुलायम सिंह यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव शामिल थे।
पिछली लोकसभा में मिली थी हार
2019 के लोकसभा चुनाव में परिवार से केवल मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से और अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद बने थे। बाकी सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा था।
पप्पू यादव और रंजीता रंजन की जोड़ी
इससे पहले बिहार से पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन ने दो बार लोकसभा चुनाव जीतकर एक मिसाल कायम की थी। हालांकि, उन्होंने अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा था। इस बार भी पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, जबकि उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस से राज्यसभा की सांसद हैं।
नए इतिहास का साक्षी बनेगा सदन
इस बार जब अखिलेश यादव और डिंपल यादव लोकसभा में एक साथ होंगे, तो यह सदन के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ देगा। उनके साथ ही परिवार के अन्य सदस्य भी होंगे, जो सदन की कार्यवाही को और रोचक बनाएंगे। सबकी नजरें इस जोड़ी पर टिकी रहेंगी, और वे अपने काम से सबका दिल जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।