कानपुर। उन्नाव लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मंचों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह सीट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर के बीच स्थित है और चमड़े के कारोबार के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस सीट से साक्षी महाराज ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार अन्नू टंडन ने सपा के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बता दें कि साल 2009 में कांग्रेस के टिकट से जीतकर अन्नू टंडन उन्नाव से पहली महिला सासंद बनकर संसद पहुंची थी।
2011 की जनगणना के मुताबिक इस सीट पर कुल जनसंख्या 31 लाख से अधिक थी, जिसमें ग्रामीण और शहरी आबादी का अंश 82.9% और 17.1% है। इसके अलावा सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 30.52% है।
चुनावी प्रक्रिया में उन्नाव सीट पर इस बार 11.67 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिसमें सीतापुर सीट पर सबसे अधिक 14.28 प्रतिशत मतदान हुआ है। उन्नाव लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से सफीपुर और मोहान सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। साक्षी महाराज ने अपने पिछले चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराया है, लेकिन इस बार गठबंधन उम्मीदवार अन्नू टंडन ने अपने समर्थकों की संख्या में इजाफा किया है।
उन्नाव संसदीय सीट का इतिहास देखा जाए तो 72 साल के सियासी सफर में उन्नाव के मतदाताओं ने हर पार्टी को मौका दिया है। शुरूआत में यह सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही थी। लेकिन 90 के दशक के शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूती बढ़ाई।2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी ने साक्षी महाराज को उतारकर यहां से कमल खिलाया था।
इस सीट पर आजादी के बाद से 2019 तक 16 बार लोकसभा चुनाव और एक बार उपचुनाव हुए हैं। इनमें से 9 बार कांग्रेस ने चुनाव जीते हैं। तो वहीं जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा को भी उन्नाव की जनता ने 1-1 बार वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुना है।
वर्तमान में, उन्नाव लोकसभा सीट पर वोटिंग की दर 55.74% रही है, जो पिछली बार से कम है।पिछले चुनाव में मतदान का प्रतिशत 56.40% था. चुनावी माहौल में उन्नाव सीट पर चर्चा गर्म है, जहां पिछली बार बीजेपी के उम्मीदवार साक्षी महाराज ने 32.4% के वोट अंतर से जीत हासिल की थी लेकिन इस बार लोगों की भावनाओं में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। शायद यही वजह है कि इस बार अन्नू टंडन जनता की नब्ज टटोलने में कामयाब रही है और पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में जीतने वाले साक्षी महाराज को कड़ी टक्कर दे रही है।