कभी किसी ने कुर्सी का ऐसा अपमान नहीं किया: उपराष्ट्रपति धनखड़ का खरगे पर हमला

News Desk
New Delhi Vice President and Kharge clashed in Rajya Sabha Dhankhar said I can drink a sip of blood but. news in hindi

नई दिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही में मंगलवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया, जब उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस छिड़ गई। सभापति धनखड़ ने खुलेआम खरगे पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्सी का ऐसा अपमान किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ।

राज्यसभा में क्या हुआ?

मंगलवार की सुबह, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर मणिपुर, काले धन और लद्दाख के मुद्दों पर तीखे हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले दस वर्षों में किए गए वादों को पूरा नहीं किया। जब तिवारी बोल रहे थे, तभी कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बीच में कुछ कहना शुरू कर दिया, जिससे सभापति ने कड़ी आपत्ति ली।

फिर से तिवारी ने अपने संबोधन में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों का मुद्दा उठाया और केंद्र पर आरोप लगाए। तिवारी के अनुसार, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम गिर रहे थे, तब यहां बढ़ रहे थे। इस पर सभापति ने तिवारी को तथ्यों के बिना आरोप न लगाने की चेतावनी दी।

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सोनिया गांधी का जिक्र

जयराम रमेश के बार-बार बोलने पर, सभापति ने तंज कसते हुए कहा कि रमेश इतने समझदार हैं कि उन्हें खरगे की जगह बैठना चाहिए। इस पर खरगे ने आपत्ति जताई और सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, “मुझे सोनिया गांधी ने बनाया है, न रमेश और न आप मुझे बना सकते हैं।”

सभापति का जवाब

इस पर सभापति धनखड़ बेहद नाराज हो गए और कहा, “आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते। आप बिना समझे कुछ भी बोल देते हैं। संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई। अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है।”

सोमवार को भी हुई थी बहस

सोमवार को भी सभापति धनखड़ और खरगे के बीच बहस हुई थी। खरगे ने शिक्षण संस्थाओं पर संघ और भाजपा के लोगों के कब्जे का आरोप लगाया। इस पर सभापति ने आपत्ति जताई और उनके बयान को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया।

सभापति ने कहा, “क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है? आरएसएस का सदस्य होना क्या अपराध है? यह एक संस्था है, जो राष्ट्र के लिए काम कर रही है।” खरगे ने जवाब दिया कि “देश के लिए संघ की विचारधारा खतरनाक है।” इस बयान को भी रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया गया।

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