
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के सत्र की शुरुआत बेहद रोचक और महत्वपूर्ण रही। लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव और डिप्टी स्पीकर पद पर विपक्ष की दावेदारी को लेकर सत्ता पक्ष के बीच टकराव की स्थितियाँ देखने को मिलीं। पहले दो दिन नए सांसदों की शपथ और स्पीकर के चुनाव को लेकर गहमागहमी भरी रही।
ओम बिरला फिर बने लोकसभा स्पीकर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा का स्पीकर चुना गया। यह दूसरी बार है जब ओम बिरला ने यह जिम्मेदारी संभाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ओम बिरला को पारंपरिक रूप से आसन तक पहुंचाया, जिससे सदन में एक महत्वपूर्ण संदेश गया।
प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब को मिली मुक्ति
लोकसभा स्पीकर के चुनाव के तुरंत बाद, प्रोटेम स्पीकर भृतहरि महताब को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे नए स्पीकर का कार्यभार संभालना सहज हो सका।
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विपक्ष ने भी पेश किया था उम्मीदवार
शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने विपक्षी गठबंधन की ओर से लोकसभा स्पीकर पद के लिए के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी सांसदों ने समर्थन दिया। हालांकि, ध्वनिमत से ओम बिरला को चुना गया।
पीएम मोदी का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला को लोकसभा का स्पीकर बनाने का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
नई उम्मीदें और चुनौतियां
ओम बिरला की दोबारा नियुक्ति के साथ ही नए सत्र की शुरुआत हो गई है। अब देखना होगा कि कैसे वह संसद की गरिमा बनाए रखते हुए सभी सदस्यों के सहयोग से काम कर पाएंगे। उनके सामने कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की चुनौती होगी।
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