नई दिल्ली। बॉलीवुड की क्वीन कंगना रणौत ने अपने सफल अभिनय करियर के बाद अब राजनीति में कदम रखा है। हाल ही में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव जीता है। अभिनेत्री से सांसद बनीं कंगना रणौत ने यह स्पष्ट किया है कि राजनीति में उनका प्रवेश 2020 की घटना का परिणाम नहीं है। 2020 में, बृहन्मुंबई नगर निगम ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के साथ उनके झगड़े के बीच उनके मुंबई स्थित घर के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया था।
एक हिमाचली पॉडकास्ट पर बात करते हुए कंगना ने कहा, “मुझे काफी अपमानित महसूस हुआ, ऐसा लगा कि मेरे साथ बहुत हिंसा की गई है। एक घर आपका विस्तार होता है, लेकिन मेरा घर हिंसक रूप से तोड़ दिया गया। यह उस समय एक व्यक्तिगत हमले की तरह लगा। उस घटना से मुझे यह पता चला कि महाराष्ट्र में कितने सारे लोगों ने मेरा समर्थन किया और किस हद तक हर एक भारतीय मेरे लिए खड़ा हो गया।”
अभिनेत्री ने बताया, “शिवसेना की घटना को हर कोई जानता है और लोगों ने मुझे बताया है कि मैं साहसी हूं। उस घटना ने मुझे एक खास फैन फॉलोइंग दी है।” कंगना ने एक अन्य बातचीत में राजनीति में शामिल होने पर कहा, “मुझसे 2019 में भी संपर्क किया गया था। अगर मुझे इसमें दिलचस्पी नहीं होती, तो मुझे वास्तव में इतनी परेशानी से नहीं गुजरना पड़ता।”
कंगना रणौत के वर्कफ्रंट की बात करें तो जल्द ही वह फिल्म ‘इमरजेंसी’ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाती नजर आएंगी। ये फिल्म 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा अपनी राजनीतिक शाख और पद को बचाने के लिए असंवैधानिक तरीके से लगाई गई ऐमरजेंसी पर आधारित है। इस फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, सतीश कौशिक और महिमा चौधरी जैसे बड़े कलाकार भी नजर आएंगे। यह फिल्म कई बार विलंबित हो चुकी है और इस साल सिनेमाघरों में आने की उम्मीद है। ‘इमरजेंसी’ की रिलीज का कंगना के फैंस को बेसब्री से इंतजार है। उन्होंने इसे निर्देशित भी किया है।
कंगना की निर्देशन में पहली फिल्म 2019 की ऐतिहासिक युद्ध ड्रामा ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झाँसी’ थी, जिसमें उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की मुख्य भूमिका भी निभाई थी। कृष जगरलामुडी द्वारा सह-निर्देशित इस फिल्म ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया। कंगना का यह नया सफर उनके समर्थकों के लिए गर्व का विषय है और वे उनकी सफलता की प्रार्थना कर रहे हैं।