कुवैत। कुवैत सरकार ने दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगफ इलाके में लगी भीषण आग के पीड़ितों के परिवारों को राहत देने का निर्णय लिया है। इस त्रासदी में 50 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से 46 भारतीय थे। कुवैती सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवार को 15,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 12.5 लाख रुपये) का मुआवजा देगी। यह मुआवजा कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के आदेश पर दिया जा रहा है।
मंगफ अग्निकांड की त्रासदी
बीती 12 जून को मंगफ शहर की एक सात मंजिला इमारत में भीषण आग लगी थी। इस इमारत में कुल 196 प्रवासी कामगार रहते थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय थे। आग इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर गार्ड के कमरे में बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। इस दुर्घटना ने न केवल इन कामगारों की जान ली, बल्कि उनके परिवारों को भी गहरे दुःख में डाल दिया।
पीड़ितों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
कुवैती मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मुआवजे की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी और धनराशि संबंधित दूतावासों को भेज दी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा शीघ्रता से मिल सके। कुवैत सरकार ने इस कठिन समय में शोक संतप्त परिवारों की सहायता के लिए यह कदम उठाया है।
भारतीय सरकार की सहायता
भारत सरकार ने भी इस हादसे में जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, केरल सरकार ने आग त्रासदी में मरने वाले राज्य के लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का वादा किया है। इस त्रासदी में मरने वाले 46 भारतीयों में से 24 केरल के निवासी थे।
जांच और गिरफ्तारी
कुवैत सरकार ने अग्निकांड घटना की जांच शुरू कर दी है। कुवैत के सरकारी वकील ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि जांच का उद्देश्य घटना के पीछे की असल परिस्थितियों को उजागर करना है और यह पता लगाना है कि किस वजह से ये घातक आग लगी। इस घटना के बाद सुरक्षा और बचाव उपायों में लापरवाही के कारण हत्या और चोट पहुंचाने के आरोप में एक कुवैती नागरिक और कई विदेशियों को गिरफ्तार किया गया है।
त्रासदी की गूंज
इस भयंकर आग ने न केवल कुवैत में बल्कि भारत में भी लोगों को झकझोर दिया है। पीड़ित परिवार अपने प्रियजनों के खोने के गहरे सदमे में हैं। कुवैत सरकार द्वारा घोषित मुआवजा इन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता साबित होगी। इस मदद के जरिए वे अपनी आर्थिक परेशानियों को कुछ हद तक कम कर पाएंगे और अपने जीवन को दोबारा संवारने की कोशिश कर सकेंगे।
पीड़ितों की याद में
इस त्रासदी ने हमें यह याद दिलाया है कि प्रवासी कामगारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि प्रवासी कामगारों की परिस्थितियों में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
कुवैत और भारत के संबंध
इस घटना ने कुवैत और भारत के बीच मजबूत संबंधों को और भी गहरा किया है। कुवैत सरकार द्वारा मुआवजा देने की घोषणा से यह स्पष्ट होता है कि वे भारतीय प्रवासी कामगारों की स्थिति को गंभीरता से लेते हैं और उनके परिवारों के साथ सहानुभूति रखते हैं।
भविष्य की दिशा
कुवैत सरकार ने घटना की जांच और सुरक्षा उपायों में सुधार की दिशा में कदम उठाने का संकल्प लिया है। उम्मीद है कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और प्रवासी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
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