आज की हमारी ख़बर इतनी ज़बरदस्त है कि सुनते ही आपके होश उड़ जाएंगे! उत्तर प्रदेश की राजनीति में मचा हड़कंप, क्या केशव प्रसाद मौर्या बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे? अखिलेश यादव ने जो दांव खेला है, वो यूपी की राजनीति को पूरी तरह से हिला सकता है। जानने के लिए वीडियो को अंत तक ज़रूर देखें।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजकल एक नया मोड़ आ चुका है। एक ऐसा मोड़ जो हर किसी के लिए चौंकाने वाला है। कुछ महीने पहले यूपी चुनाव के दौरान अखिलेश यादव का एक इंटरव्यू वायरल हुआ था। उस इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आप केशव प्रसाद मौर्या को इतना कुछ क्यों कहते हैं, तो अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था, “अगर केशव प्रसाद मौर्या 100 विधायक लेकर आएं तो हम उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी ऑफर करेंगे।”
अखिलेश यादव का यह बयान जैसे ही वायरल हुआ, राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया। सब सोचने लगे कि क्या वाकई केशव प्रसाद मौर्या बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो सकते हैं? अखिलेश यादव ने इस बयान से एक नया विवाद खड़ा कर दिया।
यूपी में राजनीति के माहिर खिलाड़ी अखिलेश यादव ने साफ कर दिया था कि अगर केशव प्रसाद मौर्या 100 विधायकों के साथ आते हैं तो सपा उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार है। लेकिन क्या यह संभव है?
इससे पहले कि हम इस सवाल का जवाब ढूंढें, चलिए एक नज़र डालते हैं उन राजनीतिक घटनाओं पर जिन्होंने इस स्थिति को जन्म दिया। केशव प्रसाद मौर्या, जो बीजेपी के प्रमुख ओबीसी चेहरा हैं, और योगी आदित्यनाथ के बीच की तकरार किसी से छुपी नहीं है।
कौशांबी में हुए विधानसभा चुनाव में, अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्या को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने अनुप्रिया पटेल की बहन को चुनावी मैदान में उतार दिया था। पूरे समाजवादी तंत्र ने वहां का रुख किया और केशव प्रसाद मौर्या को हराने की कोशिशें की थी।
अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्या को ‘स्टूल मंत्री’ का तंज भी कसा था। एक फोटो वायरल हुई थी जिसमें केशव प्रसाद मौर्या एक स्टूल पर बैठे नजर आ रहे थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाकी मुख्यमंत्री कुर्सियों पर बैठे थे। अखिलेश यादव ने इस फोटो को ट्वीट कर एक बड़ा मुद्दा बना दिया था।
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई केशव प्रसाद मौर्या बीजेपी को छोड़कर सपा में शामिल होंगे? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी में इस तरह की अनुशासनहीनता की कोई संभावना नहीं है। 100 विधायक किसी भी नेता के साथ पार्टी छोड़कर किसी और पार्टी में चले जाएं, यह नामुमकिन सा लगता है। अखिलेश यादव ने जो बयान दिया है, वह महज एक राजनीतिक चाल भी हो सकता है। वह जानते हैं कि 100 विधायक एक साथ बीजेपी छोड़कर नहीं जा सकते। लेकिन इस बयान से उन्होंने बीजेपी के अंदर एक तनाव जरूर पैदा कर दिया है।
तो दोस्तों, क्या वाकई केशव प्रसाद मौर्या सपा में शामिल होंगे? या यह सब सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है? आने वाले दिनों में यूपी की राजनीति में और भी ट्विस्ट और टर्न्स देखने को मिल सकते हैं।