कानपु| जाजमऊ में हुए आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, और साथी शौकत अली, मो. शरीफ, और इसराइल आटे वाला को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान हो चुका है। एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने सभी दोषियों को सात साल की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
7 नवंबर 2022 को जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में स्थित नजीर फातिमा के घर में आग लगी थी। नजीर फातिमा ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों पर आग लगाने का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई के दौरान 3 जून को कोर्ट ने इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली, और इजराइल आटे वाला को आगजनी, नुकसान पहुंचाने, मारपीट, और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी पाया था। सजा पर सुनवाई के लिए 7 जून की तारीख निर्धारित की गई थी।
सजा की सुनवाई
सजा की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के डीजीसी दिलीप अवस्थी, एडीजीसी भास्कर मिश्रा, और पीड़िता नजीर की अधिवक्ता प्राची श्रीवास्तव ने तर्क रखा कि इरफान सोलंकी एक लोक सेवक होने के नाते उनकी जिम्मेदारी औरों से अधिक थी, इसलिए उन्हें अधिकतम सजा और जुर्माना दिया जाए। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं सईद नकवी, शिवाकांत दीक्षित, और करीम अहमद सिद्दीकी ने तर्क रखा कि सजा से इरफान सोलंकी की विधायकी पर खतरा है, इसलिए कम से कम सजा दी जाए।
आरोपियों के तर्क
शौकत अली के अधिवक्ता रवींद्र वर्मा ने उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए रहम की मांग की, जबकि मो. शरीफ के अधिवक्ता चंद्रभान शर्मा ने गरीब होने का तर्क दिया। सभी तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाने का समय शाम 6 बजे निर्धारित किया था।
सजा से पहले का बयान
सजा सुनाए जाने से पहले, रिजवान सोलंकी ने कहा कि वे दोनों भाई बेगुनाह हैं और इंसाफ होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने केडीए से प्लॉट खरीदा था और यह एक फर्जी मुकदमा है। रिजवान का विश्वास था कि अंततः सच सामने आएगा और उन्हें न्याय मिलेगा।