मुंबई। जीका वायरस के बढ़ते मामलों ने केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है। महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के छह मामलों के सामने आने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। आइए जानते हैं इस वायरस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
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मुख्य बातें:
- महाराष्ट्र में जीका वायरस का प्रकोप: पिछले 11 दिनों में पुणे में जीका वायरस के छह मामले सामने आए हैं, जिनमें दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
- केंद्र सरकार का अलर्ट: सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने, गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग, और मच्छरों से मुक्त वातावरण बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
- जीका वायरस के लक्षण: सिरदर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर दाने, आंखों में लालिमा, और मांसपेशियों में दर्द।
- गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा: जीका वायरस के संक्रमण से जन्म लेने वाले बच्चों का मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता और उनके सिर का आकार सामान्य से कम होता है।
- इतिहास और प्रसार: जीका वायरस का नाम युगांडा के जीका जंगलों से लिया गया है। 1947 में युगांडा में इस वायरस के लक्षण पाए गए थे और 1952 में युगांडा और तंजानिया के इंसानों में इसका संक्रमण पाया गया था। भारत में पहला मामला 2016 में दर्ज हुआ था।
जानकारी:
- केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है जिसमें विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
- अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को मच्छरों से मुक्त रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
- रिहायशी इलाकों, स्कूलों, निर्माणाधीन स्थलों और विभिन्न संस्थानों को मच्छरों से मुक्त रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
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