
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों पर गंभीर टिप्पणी की। याचिकाओं में पांच मई को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और अनियमितताओं की जांच की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील ने दोबारा परीक्षा कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि दोषियों और निर्दोषों की पहचान करना मुश्किल है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए से पूछा कि परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर क्या रुख है। कोर्ट ने कहा, “यह स्पष्ट है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पूरी परीक्षा रद्द करने से पहले लीक की सीमा का पता लगाना होगा।”
READ MORE: NTA: गड़बड़ी मिलने पर दोबारा आयोजित होगी CUET-UG परीक्षा, संभावित तारीखें 15-19 जुलाई
सुप्रीम कोर्ट के सवाल और निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से पूछा कि इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा और कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा दोबारा कराना अंतिम उपाय होना चाहिए। जांच के लिए देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति बनाई जानी चाहिए।
साइबर फोरेंसिक और एआई की मदद
सुप्रीम कोर्ट ने साइबर फोरेंसिक यूनिट को शामिल करने और एआई का उपयोग करके गलत काम करने वालों की संख्या का पता लगाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने सीबीआई को जांच की स्थिति बताते हुए रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया। एनटीए को यह बताने को कहा गया कि प्रश्नपत्र पहली बार कब लीक हुआ था।
नीट-यूजी पेपर लीक मामला
नीट-यूजी परीक्षा एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया कि उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं और उन्हें दोबारा परीक्षा का विकल्प दिया गया था।
संदेह की शुरुआत
पांच मई को हुई परीक्षा में 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व था। इसमें हरियाणा केंद्र के छह छात्र भी शामिल थे, जिसके बाद अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ। इसके बाद एनटीए ने एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया।
सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियां
- यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए, तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है।
- यदि दोषियों की पहचान नहीं हो पाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।
- प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ, तो यह तेजी से फैलता है।
- यह स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है।
- प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जाननी होगी और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है, यह देखना होगा।
यह भी पढ़ें:
- Join the best adult sex dating sites and get prepared to have fun
- Take the initial step towards your ideal threesome: connect to females seeking couples
- Какие бонусы у Пинко казино предлагает приложение?
- Какие бонусы у Пинко казино предлагает приложение?
- Marathonbet, Онлайн Ставки на Спорт, Тотализатор пиппардом Самыми Высокими Коэффициентами
- Flirtymilfs Review UPDATED 2023 |