
नोएडा। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पत्रकार अजीत भारती के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए उनके घर पर पुलिस भेजी है। अजीत भारती एक स्वतंत्र पत्रकार और यूट्यूबर हैं, जो अपनी राष्ट्रवादी आवाज और बेबाक पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध हैं।
गुपचुप तरीके से अजीत भारती के घर पहुंची कर्नाटक पुलिस
कर्नाटक पुलिस के तीन जवान 20 जून, 2024 को नोटिस देने के बहाने नोएडा स्थित अजीत भारती के घर पहुंचे। वे सादे कपड़ों में थे और उन्होंने स्थानीय पुलिस को भी साथ नहीं लिया था। कर्नाटक पुलिस ने अजीत भारती को एक नोटिस थमाया, जिसमें उन्हें 7 दिनों के भीतर बेंगलुरु के हाई ग्राउंड थाने में पेश होने का आदेश दिया गया। नोटिस में कहा गया है कि अजीत भारती ने राहुल गांधी के बारे में एक वीडियो बनाया है जो समाज में घृणा और शत्रुता बढ़ाने वाला है। यह घटना तब हुई जब अजीत भारती और उनके परिवार ने अपने घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों को देखा और स्थानीय पुलिस को सूचना दी। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है।
कर्नाटक पुलिस को नोएडा पुलिस ने कानून का पाठ पढ़ा दिया है।
लेकिन प्रश्न यह उठता है कि मोदी सरकार को तानाशाह कहना वाला ध्रुव राठी, कांग्रेस और उनके चमचे कौन से बिल में छुप गए हैं?
क्या इस विषय पर कुछ बोलेंगे?#WeStandWithAjeetBharti
अजीत भारती भाई सुरक्षित अपने घर में हैं। pic.twitter.com/MELrKutoDk
— Chandan Sharma (@ChandanSharmaG) June 20, 2024
अजीत भारती पर FIR और नोटिस की कहानी
कर्नाटक पुलिस ने अजीत भारती पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राहुल गांधी के बारे में एक झूठा वीडियो बनाया है, जो समाज में घृणा और शत्रुता बढ़ाने वाला है। इस आधार पर 15 जून, 2024 को अजीत भारती के ऊपर FIR दर्ज कराई गई थी और इसे कांग्रेस कर्नाटक के कानूनी सेल सचिव बेके बोपन्ना ने दर्ज कराया था। वहीं अजीत भारती का कहना है कि यह वीडियो सत्य पर आधारित था और उन्होंने सिर्फ तथ्यों को जनता के सामने रखा था।
नोएडा पुलिस का हस्तक्षेप
अजीत भारती ने जब स्थानीय पुलिस को सूचना दी, तो यूपी पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। नोएडा पुलिस के तीन पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और कर्नाटक पुलिस के जवानों को अपने साथ ले गए। इस घटना के बाद अजीत भारती ने सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया।
लगभग दो बजे स्वयं को कर्नाटक पुलिस बताने वासे तीन नवयुवक मेरे घर के नीचे आए और कहा कि नोटिस देने आए हैं। मैंने पूछा कि क्या आपने @noidapolice को सूचना दी? उन्होंने कहा कि लोकल थाना कौन सा है?
मैंने तुरंत ही स्थानीय पुलिस अधिकारी को सूचित किया और @Uppolice की दो गाड़ियाँ शीघ्र…
— Ajeet Bharti (@ajeetbharti) June 20, 2024
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई। लेखक और सोशल मीडिया कमेंटेटर अभिजीत अय्यर-मित्रा ने ट्वीट किया, “कर्नाटक पुलिस नोएडा में अजीत भारती की अवैध गिरफ्तारी करने की कोशिश कर रही है। यह राज्य के अधिकारों और क्षेत्रीयता का पूर्ण उल्लंघन है।” लेखक आनंद रंगनाथन ने भी इस घटना की निंदा की और कहा, “पहले कांग्रेस ने अजीत भारती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और अब कर्नाटक के तीन पुलिसकर्मी बिना सूचित किए उनके घर पहुंच गए हैं।”इस घटना के बाद जनता का समर्थन भी अजीत भारती के पक्ष में दिखाई दे रहा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन दिया और उनके खिलाफ हुई इस कार्रवाई की निंदा की।
Hello @Uppolice @noidapolice @myogiadityanath looks like Karnataka Police are trying to carry out an ILLEGAL arrest of @ajeetbharti in Noida. This is in full violation of states rights and extraterritoriality. Request you to arrest the criminals immediately.
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) June 20, 2024
अजीत भारती का समर्थन
अजीत भारती के समर्थन में कई प्रमुख हस्तियां सामने आईं। ऑपइंडिया की प्रधान संपादक नुपुर जे शर्मा ने कहा, “कर्नाटक पुलिस हमेशा की तरह अजीत भारती को परेशान करने के लिए पहुंची है। जो लोग नहीं मानते, उनके खिलाफ धमकाने की रणनीति का इस्तेमाल करना आम हो गया है।”
As usual, Karnataka police has reached @ajeetbharti’s residence to harass him after Mohammad Zubair posted a video, where Ajeet was merely quoting Pramod Krishnam.
Using intimidatory tactics against those who don’t submit seems to be the norm. Needless to say, Ajeet has all my…
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) June 20, 2024
कांग्रेस पर आरोप
इस घटना के बाद कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि कांग्रेस सरकार राष्ट्रवादी आवाजों को दबाने का प्रयास कर रही है। इस मामले में कर्नाटक पुलिस का व्यवहार और बिना सूचित किए अजीत भारती के घर पहुंचना इसे और भी संदिग्ध बनाता है।
लोकतंत्र और पत्रकारिता पर खतरा
इस घटना ने लोकतंत्र और स्वतंत्र पत्रकारिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक पत्रकार को उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए इस तरह से डराया-धमकाया जाना सही है? यह सवाल आज हर देशवासी के मन में उठ रहा है।
अजीत भारती का संदेश
अजीत भारती ने इस घटना के बाद एक वीडियो संदेश में कहा, “यह काम ईमेल पर भी हो सकता था। यह स्पष्ट है कि यह मुझे डराने का प्रयास था। लेकिन मैं अपनी आवाज को कभी चुप नहीं करूंगा। मैं सत्य के लिए लड़ता रहूंगा।”
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