भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह अब राजनीति के मैदान में भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे करकट सीट से उम्मीदवार बने हैं। फिल्मी दुनिया में अपनी धाक जमाने के बाद पवन सिंह ने राजनीति में कदम रखते ही एक नया अध्याय शुरू किया है। यह कहानी उनके इस नए सफर और चुनावी संघर्ष की है।
पवन सिंह, जिनकी आवाज और अभिनय ने लाखों दिलों को जीता है, अब अपने चाहने वालों के समर्थन से करकट सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। फिल्मी सेट पर गानों और डायलॉग्स के बीच से राजनीति के मंच पर आने का उनका यह सफर बेहद रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहा है।
बता दें कि पवन सिंह ने पहले भाजपा से आसनसोल सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर ठुकरा दिया था, लेकिन अब वह काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में कई बड़े वादे भी किए हैं। दरअसल 22 मई को, भाजपा ने उन्हें उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निकाल दिया।
इस चुनाव में पवन सिंह अपने फैन फॉलोइंग पर भरोसा कर रहे हैं, तो वहीं भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के स्टार्स उनके समर्थन में चुनाव प्रचार में उतर आए हैं। गोरारी गांव में आयोजित एक जन संवाद में, भोजपुरी सितारे पखी हेगड़े, मनोज टाइगर, अस्था सिंह, चंदन यादव, आयाज खान, संजय वर्मा, अनुपमा यादव, शिल्पी राज, शिवानी सिंह और सोना सिंह ने भारी संख्या में लोगों को आकर्षित किया। राजनीतिक बातचीत के बजाय, उनका चुनाव अभियान एक लाइव स्टेज शो है, जहां सितारे पवन सिंह के पक्ष में वोट मांग रहे हैं।
पवन सिंह ने अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत गांव-गांव जाकर की। यही वजह है कि उनकी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ने लगी। पवन सिंह ने अपने भाषणों के जरिए काराकाट की जनता से जुड़ने की पूरी कोशिश कर रहे है। उन्होंने काराकाट की जनता से ये वादा भी किया है कि वे काराकाट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं में बेहतरीन सुधार करेंगे। इसके अलावा काराकाट की सभी समस्याओं को समझकर उनका समाधान करेंगे। इसके इतर पवन सिंह के चुनाव प्रचार में उनके गीत ‘लॉलीपॉप लागेलु’ का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह गीत काराकाट में उनकी जीत का नारा बन गया है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक उनके इन गीतों पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि ये गीत महिलाओं का अपमान करते हैं।
काराकाट सीट के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 25 मई को यहां चुनाव प्रचार किया, जिसके बाद अगले दिन गृह मंत्री अमित शाह भी यहां पहुंचे।
अगर बात चुनावी भाषणों की करें तो पवन सिंह के चुनावी भाषण कराकाट की जनता के दिलों छू रहे है। इन दिनों सोशल मीडिया में पवन सिंह का ऐसा ही एक वीडियों वायरल हो रहा है जिसने लोगों के दिलों की छू लिया है……
इसके अलावा एक रैली के दौरान पवन सिंह ने कहा है कि, “भाइयों और बहनों, मैंने हमेशा आपके मनोरंजन के लिए काम किया है। अब समय आ गया है कि मैं आपके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के लिए काम करूं। मुझे आपका समर्थन चाहिए ताकि हम मिलकर काराकाट को एक नई दिशा दे सकें।”
पवन सिंह के मुकाबले में विपक्षी उम्मीदवार भी कम नहीं थे। वे पवन सिंह की फिल्मी छवि को निशाना बनाकर उन्हें एक गंभीर राजनेता के रूप में स्वीकार न करने की बात कर रहे है। काराकाट सीट पर पवन सिंह के कड़े चुनौती देने के बारे में पूछे जाने पर, भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा ने उनकी अनदेखी की। उन्होंने कहा, “मैं ऐसे सवालों का जवाब नहीं देता हूं जिनका कोई मतलब ही नहीं है। यह पूरी तरह से बेबुनियाद सवाल है। हालांकि, मैं काराकाट सीट जीतने को लेकर 100% से ज्यादा आश्वस्त हूं, और इस संसदीय क्षेत्र के लोगों ने पहले ही अपना फैसला कर लिया है।
बता दें कि “2019 में, काराकाट सीट जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार महाबली सिंह ने जीती थी। इस बार एनडीए ने उम्मीदवार बदलकर उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। बता दें कि विपक्ष शुरू से पवन सिंह की फिल्म स्टार की छवि को लेकर हमलावर रहा है। उनका कहना है कि पवन सिंह के पास राजनीति का अनुभव नहीं है और वे सिर्फ अपनी लोकप्रियता के बल पर चुनाव जीतना चाहते हैं।
काराकाट लोकसभा सीट की बात करें तो ये सीट छह विधानसभा क्षेत्रों – नोखा, देहरी, काराकाट, गोह, ओबरा और नबीनगर में फैली हुई है। इस सीट पर करीब तीन लाख यादव मतदाता हैं, जबकि कुशवाहा और कुर्मी समुदाय के भी तीन लाख मतदाता हैं। राजपूत समुदाय के पवन सिंह के करीब दो लाख मतदाता हैं। वैश्य समुदाय के भी दो लाख मतदाता हैं।
इस तरह, भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना काफी चर्चा में है। उनके चुनावी वादों और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों के समर्थन से उनके समर्थकों को उम्मीद है कि वह इस सीट पर जीत हासिल कर सकते हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि वह इस सीट को आसानी से जीत लेंगे। काराकाट सीट पर मतदान 1 जून को होगा।