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प्लास्टिक के दांत वाले बकरे: बकरीद पर पाकिस्तान में धोखाधड़ी का चौंकाने वाला खुलासा

News Desk
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प्लास्टिक के दांत वाले बकरे

कराची। पाकिस्तान एक बार फिर विवादों में घिरा हुआ है, और इस बार वजह कुछ अलग ही है। जब भी बात पाकिस्तान की होती है, तो अक्सर इसे आतंकवाद को समर्थन देने या अपने आर्थिक हालात के कारण चर्चा में देखा जाता है। मगर इस बार मामला कुछ और है। ARY न्यूज की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बकरीद के मौके पर पाकिस्तान में कुछ व्यापारी प्लास्टिक के नकली दांत लगाकर बलि के बकरे बेच रहे थे।

कैसे हुआ खुलासा?

कराची के गुलबर्ग चौरंगी इलाके में शनिवार को अधिकारियों ने एक व्यापारी को गिरफ्तार किया, जो बकरे को प्लास्टिक के दांत लगाकर बेच रहा था। इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक ग्राहक बकरे के नकली दांत निकालते हुए दिख रहा था। इस वीडियो ने पूरे मामले को सामने ला दिया और प्रशासन को हरकत में ला दिया।

गिरफ्तार व्यापारी का बयान

गिरफ्तार व्यापारी का नाम अब्दुल्ला है, जो हैदराबाद का रहने वाला है। उसने स्वीकार किया कि वह बकरीद के मौके पर जानवरों को बेचने के लिए कराची आया था और प्लास्टिक के दांत वाले बकरे बेचने की योजना में शामिल था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद सात बकरे-बकरियों को जब्त कर लिया है।

पुलिस की कार्यवाही

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो ने हमें इस धोखाधड़ी का पता लगाने में मदद की। इसके बाद हमने तुरंत कार्यवाही की और संबंधित व्यापारी को गिरफ्तार किया।” इस मामले के बाद पुलिस ने बाजार में और भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है ताकि ऐसी धोखाधड़ी दोबारा न हो सके।

बकरीद का महत्व

बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लामिक त्यौहार है जो पैगंबर इब्राहिम की ईश्वर के प्रति आज्ञाकारिता को याद करने के लिए मनाया जाता है। इस त्यौहार में मुसलमान जानवरों की बलि देते हैं, और इस बलिदान का मांस परिवार, मित्रों और गरीबों के साथ साझा किया जाता है। इस साल बकरीद 17 जून को मनाई जा रही है, और यह तीन दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।

बलि के बकरे और धोखाधड़ी

बकरीद के मौके पर बलि के जानवरों की मांग काफी बढ़ जाती है, और इसी का फायदा उठाते हुए कुछ व्यापारी धोखाधड़ी का सहारा लेते हैं। प्लास्टिक के दांत लगाकर बकरे बेचना इसी धोखाधड़ी का एक हिस्सा है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारी जानवरों की उम्र और सेहत के बारे में गलत जानकारी देते हैं।

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जानवरों की बलि का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

ईद-उल-अजहा की परंपरा का संबंध पैगंबर इब्राहिम की कहानी से है, जिन्होंने ईश्वर के आदेश पर अपने पुत्र इस्माइल की बलि देने की तैयारी की थी। हालांकि, ईश्वर ने उनकी आज्ञाकारिता को देखकर एक मेमना भेज दिया जिसे बलि दी गई। इस परंपरा को जीवित रखने के लिए मुसलमान हर साल बकरीद पर जानवरों की बलि देते हैं।

नकली दांत लगाने का तकनीकी पहलू

प्लास्टिक के दांत लगाकर बकरे बेचने की तकनीक नई नहीं है, मगर इसके कारण पशु व्यापार में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। प्लास्टिक के दांत लगाने के पीछे व्यापारी की मंशा बकरे को ज्यादा उम्र का दिखाकर ज्यादा दाम वसूलना होती है।

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