इंटरनेशनल डेस्क, नई दिल्ली।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने 451.4 अंकों का स्कोर कर यह मेडल जीता, जो पेरिस ओलंपिक में भारत का कुल तीसरा मेडल है। इससे पहले, मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने एकल और टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। स्वप्निल का यह प्रदर्शन खास इसलिए है क्योंकि उन्होंने एक कठिन प्रतियोगिता में खुद को साबित किया और भारतीय शूटरों का गौरव बढ़ाया।
स्वप्निल कुसाले का सफर भी प्रेरणादायक है। उनका जन्म 1995 में एक किसान परिवार में हुआ था और उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए निशानेबाजी में सफलता हासिल की। उन्होंने 17 मई 2024 को भोपाल में आयोजित अंतिम चयन ट्रायल में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
धीमी शुरुआत के बाद शानदार वापसी
स्वप्निल कुसाले ने नीलिंग पोजीशन में 153.3 का स्कोर कर प्रतियोगिता की शुरुआत की। इसके बाद प्रोन पोजीशन में उन्होंने 156.8 का स्कोर करते हुए पांचवें स्थान पर पहुंच गए। स्टैंडिंग पोजीशन में उन्होंने 101.5 का स्कोर कर कुल 422.1 अंक हासिल किए और तीसरे स्थान पर पहुंचे। यहां से उन्होंने एलिमिनेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस इवेंट का गोल्ड मेडल चीन के लियू युकुन ने 463.6 अंकों के साथ जीता, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। सिल्वर मेडल कुलिस सेरी ने 461.3 अंकों के साथ अपने नाम किया।
एमएस धोनी से मिली प्रेरणा
स्वप्निल कुसाले को उनके शांत और संयमित स्वभाव के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को दिया। स्वप्निल भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से प्रेरित होते हैं और उनकी तरह रेलवे में टिकट कलेक्टर के रूप में काम करते हैं।