भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। यह ऐलान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस पहल का अनुसरण करते हुए पुलिस और पीएसी में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। हालांकि, मध्य प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत अभी स्पष्ट नहीं है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मंशानुसार, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देगी। अग्निवीर योजना का उद्देश्य सेना का आधुनिकीकरण और युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने कारगिल विजय दिवस पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और युवाओं को मातृभूमि की सेवा का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना का मकसद पेंशन की बचत नहीं बल्कि सेना को अधिक युवा और कुशल बनाना है। इसके तहत, सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अनुबंध पर युवाओं की भर्ती की जाती है, जिन्हें अग्निवीर कहा जाता है। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद इन्हें 30 से 40 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाता है, साथ ही सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी प्रदान किया जाता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में बीएसएफ और सीआईएसएफ में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है, जिससे इस योजना की ओर आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है। विपक्षी दलों द्वारा योजना पर सवाल उठाए जाने के बावजूद, सरकार ने अग्निवीरों के लिए भविष्य में स्थायी नौकरियों के रास्ते भी खोले हैं। अब राज्यों की पुलिस और सशस्त्र बलों में भी अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा, जिससे उनके लिए रोजगार के अवसर और बढ़ जाएंगे।