लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्राइमरी सरकारी स्कूलों के लिए नए नियम जारी किए गए हैं. इन नियमों में से कई नियम जैसे बच्चे और टीचर क्लासरूम में जूते-चप्पल पहनकर नहीं जा सकेंगे. क्योंकि ‘हर स्कूल शिक्षा का मंदिर है’। टीचर्स के ड्रेस कोड, नो जींस या टी-शर्ट जैसे और भी नियम बनाए गए है। इन नियमों एक नियम ऐसा भी है जिसमें कहा गया है कि बच्चे अब शिक्षकों को ‘सर-मैडम’ कहकर नहीं बुला सकते. क्या कहकर बुलाना है, वो भी बताया गया है.
बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने संभल जिले के सभी प्राथमिक सरकारी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए हैं. जारी किया गया लेटर सभी आठ खंड शिक्षा अधिकारियों (BEOs) को 10 जुलाई को भेजा गया था.
तो चलिए जानते है किआखिर नए फरमान में क्या-क्या नियम बनाए गए हैं?……
बीएसए यानि बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर जारी इस नए लेटर में कहा गया है कि हर स्कूल शिक्षा का मंदिर है। इसलिए चप्पल और जूते पहनकर क्लास में एंट्री अब बच्चों को नहीं मिलेगी। इसके अलावा जूते चप्पल को बैन करने के पीछे का एक तर्क यह भी दिया गया कि सरकारी स्कूल में ज्यादातर पढ़ने वाले बच्चे गांवों से आते है, जिसकी वजह से उनके जूते चप्पलों से क्लास में भी धूल मिट्टी अंदर आ जाती है। बता दें कि ये नियम सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि टीचर, बच्चे या किसी भी अन्य कर्मचारी पर भी लागू होगें। .
बीएसए का कहना है कि भारतीय संस्कृति के मुताबिक, महिला शिक्षकों को ‘दीदी’ या ‘बहनजी’ और पुरुष शिक्षकों को ‘गुरुजी’ कहकर ही बुलाना होगा.इसके अलावा स्कूल परिसर में सभी को ‘नमस्ते’ और ‘जय हिंद’ के साथ अभिवादन करना होगा. निरीक्षण के दौरान कोई अधिकारी हेड मास्टर की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता. स्कूल के स्टाफ को जींस और टी-शर्ट नहीं बल्कि पारंपरिक भारतीय पोशाक पहननी होगी. उनके शर्ट के टॉप बटन खुले नहीं रहने चाहिए. स्कूल परिसर में तंबाकू उत्पादों और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अगर निरीक्षण के दौरान ऐसा कुछ मिला तो उस व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा. और अगर ये गलती दोबारा होती है तो विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।.इसके अलावा स्कूल के टाइम पर टीचर मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेंगे. अपरिहार्य परिस्थिति या विभागीय उच्चाधिकारियों के ही फोन रिसीव करेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने कहा कि ये नियम प्राथमिक सरकारी स्कूलों में स्वच्छता बनाए रखने और बच्चों के बीच भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं. उनका कहना है कि इससे स्कूल में अच्छा माहौल बनेगा.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये नियम अचानक से क्यूं बन गए तो हम आपको इन नियमों के बनने के पीछे की वजह बताते है
बता दें कि 10 जुलाई को संभल के एक स्कूल में DM राजेंद्र पैंसिया ने निरीक्षण करने पहुंचे थे। जांच के दौरान डीएम राजेंद्र पैंसिया को इस बात का पता चला कि एक टीचर ने ड्यूटी के वक्त बच्चों को पढ़ाने के बजाय ढाई घंटे तक फोन चलाकर टाइम पास किया था। DM ने टीचर के फोन की हिस्ट्री चेक की तो दिखा कि टीचर ने फोन पर गेम खेला था. बात की थी और फेसबुक भी चलाया था. इसके बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। जिसके बाद ही संभल के बीएसए अधिकारी की ओर से स्कूल के लिए ये नए नियम बनाए गए है…..खैर स्कूल के लिए जारी किए गए इस नए नियमों के बारे में आपकी क्या राय है हमें कमेंट्स सेक्शन में जरूर बताएं
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