पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बुधवार को न्यू कैलेडोनिया में लागू किए गए मतदान सुधार को निलंबित करने का निर्णय लिया। इन सुधारों की वजह से कैलेडोनिया में हाल ही में भीषण हिंसा भड़क उठी थी। हिंद-प्रशांत महासागर में स्थित न्यू कैलेडोनिया, फ्रांस के पांच द्वीप क्षेत्रों में से एक है।
मतदान सुधार पर हुआ भारी विवाद
हाल के दिनों में फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया में मतदान के नियमों में कुछ बदलाव किए थे। पहले, मतदान का अधिकार केवल उन लोगों को था जो 1998 से पहले न्यू कैलेडोनिया में रह रहे थे। इसका उद्देश्य वहां के मूल निवासियों और कनक समुदाय को अधिक प्रतिनिधित्व देना था। लेकिन पेरिस ने इसे अलोकतांत्रिक मानते हुए, फ्रांस की संसद ने कानून में सुधार कर, उन लोगों को भी मतदान का अधिकार देने का निर्णय लिया जो पिछले 10 वर्षों से कैलेडोनिया में रह रहे थे।
इस फैसले से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी फैल गई और हिंसा भड़क उठी। उनका कहना था कि इस सुधार से वे हाशिए पर चले जाएंगे और कैलेडोनिया में उनका प्रभाव खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही, कैलेडोनिया में फ्रांस से आजादी की मांग भी जोर पकड़ने लगी।
हिंसा के बाद मैक्रों का फैसला
हिंसा भड़कने के बाद, राष्ट्रपति मैक्रों ने कैलेडोनिया के जन प्रतिनिधियों को पेरिस बुलाया और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की बात कही। अंततः बुधवार को, उन्होंने इन सुधारों को निलंबित करने का निर्णय लिया।
हिंसा में तीन लोगों की मौत
मतदान सुधारों के चलते हुए विरोध प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। हिंसा के कारण कैलेडोनिया में स्कूल-कॉलेज और हवाई अड्डे बंद करने पड़े, और राजधानी नौमिया में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके बाद भी छिटपुट हिंसा की घटनाएं जारी रहीं। न्यू कैलेडोनिया, ऑस्ट्रेलिया से करीब 1500 किलोमीटर पूर्व में स्थित है, जिसकी आबादी 2,70,000 है, जिसमें 41 प्रतिशत मेलानेशियाई कनक और 24 प्रतिशत यूरोपियन मूल के लोग हैं। इस द्वीप की खोज ब्रिटिश खोजकर्ता जेम्स कुक ने की थी और 1853 में इसे फ्रांस ने अपने अधीन कर लिया था।