नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय को निर्देश दिया है कि वह ‘आप’ नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन की जमानत याचिका पर 9 जुलाई को फैसला सुनाए। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की पीठ ने दिया। पीठ ने कहा कि जमानत के मामलों को अनावश्यक रूप से टालना ठीक नहीं है। सत्येंद्र जैन ने उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका पर छह सप्ताह के स्थगन के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की पृष्ठभूमि
सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है। इससे पहले, सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जैन को 6 सितंबर, 2019 को एक ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, जैन के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अनावश्यक देरी हो रही है और उनकी जमानत याचिका को जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए। वकील ने यह भी कहा कि इसी तरह का एक मामला शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है और इसलिए उनकी याचिका को इसके साथ जोड़ दिया जाना चाहिए।
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हाईकोर्ट की कार्रवाई
28 मई को, उच्च न्यायालय ने ईडी से जवाब मांगा था और मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने जेल से सत्येंद्र जैन का नाममात्र रोल मांगने के साथ ही मामले को 9 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग मामला?
सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धन की हेराफेरी की। सीबीआई द्वारा 2017 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की। 30 मई, 2022 को, ईडी ने जैन को इस मामले में गिरफ्तार किया और इसके बाद से वह जेल में हैं। जैन ने अदालत में यह तर्क दिया कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं।
जमानत याचिका पर देरी
सत्येंद्र जैन ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका पर छह सप्ताह का स्थगन लगा दिया। इस स्थगन के खिलाफ, जैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि उनकी जमानत याचिका पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया है कि वह 9 जुलाई को इस मामले में सुनवाई कर अपना फैसला सुनाए।
वर्तमान स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद, अब सभी की नजरें 9 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। सत्येंद्र जैन के समर्थक और उनके परिवार के लोग आशा कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द जमानत मिल जाएगी और वे जेल से रिहा हो जाएंगे।
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी का प्रभाव
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी का असर न केवल उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ा है, बल्कि उनके परिवार और समर्थकों पर भी इसका गहरा प्रभाव हुआ है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और कार्यकर्ता लगातार उनके समर्थन में आवाज उठा रहे हैं और उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। पार्टी का कहना है कि सत्येंद्र जैन को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि सत्येंद्र जैन एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेता हैं जिन्होंने हमेशा दिल्ली के विकास और जनता की भलाई के लिए काम किया है।
अगली सुनवाई की तैयारी
सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 9 जुलाई को होने वाली सुनवाई के लिए उनकी कानूनी टीम पूरी तैयारी में जुटी है। उनके वकील इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष मजबूत तर्क प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं, ताकि सत्येंद्र जैन को जल्द से जल्द जमानत मिल सके।
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