कंगना रनौत और सोनू सूद, बॉलीवुड के दो बड़े नाम, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार मामला सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री का नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और सरकारी आदेश का भी है। कांवड़ यात्रा के नाम पर एक ऐसा विवाद खड़ा हुआ है, जिसने न केवल दोनों सितारों को आमने-सामने ला दिया है, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। तो आइए जानते है इसके पीछे की वजह…
कांवड़ यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है, इस बार कुछ अलग ही कारणों से चर्चा में है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को अपना नाम की नेमप्लेट लगानी होगी। जिसे लोकर कंगना रनौत और सोनू सूद ने ट्वीट किया है, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सोनू सूद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हर दुकान पर केवल एक नेम प्लेट होनी चाहिए, इंसानियत की।
जिसके जवाब में बॉलीवुड क्वीन और मंडी की सांसद कंगना रनौत ने ट्वीट किया कि —-सहमत हूं, हलाल की जगह भी मानवता लिखना चाहिए।—-
बता दें कि सोनू सूद के इस पोस्ट को लोग योगी सरकार के फैसले से जोड़कर देख रहे है। कुछ लोग उनकी इस सोच की तारीफ भी कर रहे है। लेकिन वहीं कई यूजर्स ऐसे भी है जो उनकी आलोचना कर रहे है तो कई इस विवाद के बीच मजे ले रहे है।
हारून खान नाम के यूजर ने लिखा कि एक्टर सोनू सूत पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और मानवता को बढ़ावा देने के लिए जेल भेज देना चाहिए,ये कहते हुए तंज कस रहे है….
एक अन्य रंजीत सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि— पहचान जाहिर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, भारत के हर एक नागरिक को जानने का अधिकार है और यह चुनने का भी कि क्या खाना है और कहां खाना है। हर एक को अपनी पहचान पर गर्व होना चाहिए, यह छुपाने वाली बात नहीं है।
इंदर घोसाई ने कमेंट किया —यह लिखा कि मानवता मुर्गे का मीट और मानवता बकरे का मीट, यह नेम प्लेट कैसा रहेगा… कृपया मार्गदर्शन कीजिए आप तो सर्व ज्ञानी है
लवकेश कटारिया नाम के यूजर ने लिखा कि मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं सर, लेकिन जानबूझकर खाने पर थूकना और स्वच्छता का क्या? …..
ये तो रही सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं….
चलिए आपको बताते है कि योगी सरकार ने आखिर किस कानून के तहत ऐसा करने का आदेश दिया है….
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स लाइसेंसिंग एंड रेगुलेशन ऑफ फूड बिजनेसेस रेगुलेशन 2011, के तहत खाने की दुकानों पर फूड लाइसेंस दिखाना अनिवार्य है, साथ ही लाइसेंसिंग अथॉरिटी को प्रिमाइसिस का ऐक्सेस दिखाना अनिवार्य है। इन्हें वे चाहे तो प्रतिष्ठान में आकर भी देख सकते हैं। अगर लाइसेंस में किसी तरह का बदलाव होता है तो भी लाइसेंसिंग अथॉरिटी को सूचित करना दुकानदार के लिए अनिवार्य है। ये नियम है जिसे कांवड़ यात्रा के दौरान लागू किया जा रहा है।
बता दें कि वैसे अब यूपी के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार के एसएसपी ने भी एक ऐसा ही आदेश जारी किया है। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबा ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि कावड़ यात्रा के दौरान ऐसे सभी लोग जो होटल या ढाबे का संचालन करते हैं या फिर रेहड़ी ठेला लगाते हैं, उन्हें आदेश दिया गया है कि अपनी दुकान के आगे मालिक का नाम,क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर लगाएं, जो भी व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसे कावड़ मार्ग से भी हटा दिया जाएगा। एसएसपी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि इससे पहले पहचान छिपाकर होटल या ढाबे के संचालन से अप्रिय स्थिति पैदा हुई थी। बता दें कि इस साल कांवण यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है। सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा ।