
नोएडा। हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत के पीछे की वजह को लेकर साकार हरि के वकील एपी सिंह ने एक नया दावा पेश किया है। उन्होंने बताया कि हादसे की असली वजह जहरीली गैस थी, जिसे भीड़ में 15-16 लोगों ने छोड़ा था।
साजिश का आरोप और गवाहों के बयान
वकील एपी सिंह ने रविवार को बताया कि यह हादसा साकार हरि बाबा की बढ़ती लोकप्रियता के खिलाफ एक साजिश थी। उनके अनुसार, हादसे के गवाहों ने कहा है कि 15-16 लोग जहरीली गैस के डिब्बे लेकर आए थे और भीड़ में खोल दिए थे, जिससे भगदड़ मच गई। वकील ने कहा कि मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है, जिसमें दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई है।
घटना स्थल पर वाहनों की मौजूदगी
साजिश के आरोपों को सुबूतो के साथ और मजबूती से रखते हुए एपी सिंह ने बताया कि जहरीली गैस छोड़ने वालों को भागने में मदद करने के लिए घटनास्थल पर वाहन खड़े थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस साजिश के सबूत हैं, जिन्हें वह जांच एजेंसियों को जरूर सौंपेंगे। इसके अलावा उन्होंने इस बात का अनुरोध किया कि गवाहों ने नाम न छापे जाए ताकि उन्हें वे सुरक्षित रह सके।
हादसे के बाद की स्थिति
हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में ज्यादातर महिलाओं समेत 121 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि इस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस की जांच और राजनीतिक फंडिंग
6 जुलाई को, हाथरस पुलिस ने बताया कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा संदिग्ध फंडिंग की भी जांच कर रही है। अधिकारियों ने कहा था कि मधुकर ‘सत्संग’ के मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाले थे। हालांकि, स्थानीय सिकंदराराऊ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में साकार हरि का उल्लेख आरोपी के रूप में नहीं किया गया है।
यह नया दावा हाथरस हादसे को एक अलग दृष्टिकोण से देखने के लिए मजबूर करता है। जहरीली गैस और साजिश की बातों के बीच पुलिस और जांच एजेंसियों को सच का पता लगाने के लिए गहन जांच करनी होगी। साकार हरि के वकील एपी सिंह के दावों ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है, जिसे सुलझाने के लिए सभी पक्षों को बारीकी से जांच करनी होगी।
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