हाथरस हादसा: ‘भोले बाबा’ के सेवादारों की लाठियों से मची भगदड़, जानें पूरी सच्चाई

News Desk
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हाथरस। हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ के कारण अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और अनेक लोग घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस भगदड़ को शुरू करने में बाबा के सेवादारों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। खबर है कि सेवादारों ने ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियों का इस्तेमाल किया, जिससे भगदड़ मच गई।

बाबा के मैनेजर की भी तलाश

यूपी पुलिस बाबा के पैतृक गांव में स्थित ट्रस्ट के मैनेजर एस.के. सिंह की भी तलाश कर रही है। जानकारी के मुताबिक, एस.के. सिंह ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया है और पुलिस उनसे संपर्क करने की लगातार कोशिश में जुटी हुई है।

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हाथरस में भारी पुलिस बल तैनात

घटनास्थल पर पीएसी के तीन कमांडेंट पहुंच चुके हैं। आगरा, एटा, अलीगढ़ से पीएसी की कंपनियां भी हाथरस पहुंच चुकी हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 2 कंपनियां भी मौके पर तैनात हैं। हाथरस में हुए इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड की टीम भी मौजूद है, जो साक्ष्य एकत्र कर रही है।

कोरोना के वक्त भी तोड़ा था कानून

मई 2022 में जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी, उस समय फर्रुखाबाद में ‘भोले बाबा’ ने सत्संग का आयोजन किया था। जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे। इस भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी और जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

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