2023 IMCR Report लगभग 110 मिलियन लोगों को है भारत में डायबिटीज ,मीठी होते हुए भी शुगर की सच्चाई है कड़वी

रिया शाह

इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ़ रिसर्च (IMCR) के 2023 की अध्ययन के अनुसार भारत में 101 मिलियन लोगों को डायबिटीज हैl भारत में अक्सर लोग मिठाई खाते हैं। यहां तो आए दिन त्यौहार आते हैं और इन त्योहारों में मिठाई ना हो ऐसा नहीं हो सकता। यह चीनी जितनी ही मीठी है इसका सच उतना ही कड़वा है।

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IMCR की रिपोर्ट के अनुसार रिफाइन शुगर को खाना हमारे शरीर के लिए महंगा पड़ सकता है।Source NDTV

रिफाइंड शुगर को खाकर हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। डाॅ रॉबर्ट लस्टिग के अनुसार शुगर का असर कोरोनरी हार्ट डिजीज पर पड़ता है। 2011 में यूट्यूब पर उनका वीडियो Sugar :the bitter truth रिलीज हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने इस बात की पुष्टि की है। डॉ रॉबर्ट लस्टिग यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया ,सैन फ्रांसिस्को में टीचर रह चुके हैं।

शुगर के प्रकार

हम जितने भी प्रकार के खाना खाते हैं। उनमें प्रायः तीन तरह के शुगर पाए जाते हैं:- Glucose,Fructose and Sucrose।

सुक्रोज में ग्लूकोज और फ्रक्टोज के अंगों का 50-50 कांबिनेशन होता है। ज्यादातर फलों और सब्जियों में दोनों तरह के  ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाए जाते हैं लेकिन केवल स्टार्च से ही ग्लूकोस मिलता है। इंसान का शरीर और दिमाग ग्लूकोस से ही काम करता है। मेटाबॉलिज्म के समय हमारे शरीर से लगभग 80% तक ग्लूकोस प्राप्त होता है और यहां लीवर में स्टोर हो जाता है।  सभी तरह के फ्रुक्टोज शुगर लीवर में  मेटाबॉलिज्ड होते हैं।

जब हम खाना खाते हैं तो यह खाना सबसे पहले लीवर में जाता है। लिवर को हमारे शरीर का रासायनिक कारखाना कहा जा सकता है। इसमें उपस्थित रसायन से हमारे खाने को पचाने में सहायता मिलती है। यही डिसाइड करता है कि खाने के साथ क्या करना है । यहां नीचे दिए गए फंक्शन में से  किसी एक कार्य को यहां करता है:-

  • यह ज्यादातर ग्लूकोज को खून से पूरे शरीर में प्रवाहित कर देता है और थोड़ी सी मात्रा को यह ग्लाइकोजन में बदल देता है।  ग्लाइकोजन को लीवर में अपने पास स्टोर करके रखता है।
  • अगर आपके ब्लड में ग्लूकोस लेवल कम है तो यह फ्रक्टोज को ग्लूकोस में बदल देगा।
  • अगर आपके खून में शुगर लेवल कम होता होता है तो स्टार्च को ग्लूकोस में बदल देगा या फिर वसा को ग्लूकोस में या फिर कीटोन में बदल देगा।
  • अगर आपके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल ज्यादा होगा होता है तो यह फ्रक्टोज को वसा में बदल देगा।

आखिर रिफाइंड शुगर क्यों नहीं होता शरीर के लिए अच्छा

डिफाइन शुगर हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता हमारे शरीर में धीरे-धीरे मुश्किलों को बढ़ाता है और इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:-

  • रिफाइंड शुगर में कैलोरी ज्यादा होती है। इसका ज्यादा सेवन करने से हमारा वजन बढ़ता है। जब भी हम इसका सेवन करते हैं तो हमें फुल होने की फीलिंग नहीं आती है। हमें मन करता है कि हम अभी और खाएं जो कि मोटापे को बढ़ाने के लिए कारगर होता है।
  • अध्ययन के अनुसार अगर हम सुबह-सुबह रिफाइंड शुगर खाते हैं तो हमारे शरीर में ग्लूकोज स्पाइक बढ़ जाता है। इससे हमें मीठा खाने की क्रेविंग होती है। धीरे-धीरे यह आदत बन जाती है और हम ओवर ईटिंग करने लगते हैं।
  • शुगर को खाने से डायबिटीज के शिकार होते हैं। इससे हाइपरटेंशन भी बढ़ता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने के चांस बढ़ जाते हैं। इसके अलावा हमें किडनी फेलियर, अल्जाइमर डिप्रेशन, ब्लाइंडनेस जैसी और भी अधिक बीमारियां होती हैं।
  • ज्यादा शुगर खाने से हमें स्किन से संबंधित बीमारियां होती हैं। हमारे शरीर और त्वचा पर पिंपल निकलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में हम Premature skin aging और Wrinkle के शिकार हो सकते हैं।
  • अगर रिफाइंड शुगर में फ्रक्टोज हो तो लिवर फैट बढ़ जाता है और टाइप -2  जैसे डायबिटीज हो सकते हैं। ऐसे में इंसुलिन हमारे शरीर में नहीं बनता है।
  • रिफाइंड शुगर हमारे शरीर में Glycation  और  Advanced Glycation Endproduct (AGE)  बनाती है जो कि हमारे अंगों के लाइफ को कम कर देती है।

Glycation क्या होता है?


जब हमारे शरीर में एक शुगर के चारों ओर फैट या फिर प्रोटीन के अणु जमा हो जाते हैं तो इसे  Glycation कहते हैं। जब हम खाने में शुगर के साथ फाइबर नहीं खाते हैं तो इससे glycation के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।जितनी तेजी से। यह बढ़ेगा आपकी उम्र उतनी तेजी से बढ़ेगी।

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