नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से समाजवादी पार्टी (सपा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बड़ी भूमिका निभा रही है।दोपहर 3 बजे तक, सपा 35 सीटों पर और बीजेपी 34 सीटों पर आगे चल रही थी। सपा के अखिलेश यादव ने अपने पारिवारिक गढ़ कन्नौज से लगभग 3.5 लाख वोटों की बढ़त बना ली है। बीजेपी के सुब्रत पाठक एक लाख वोटों से पीछे चल रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में, बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि सपा केवल 5 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार सपा की बेहतर स्थिति विपक्षी दलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस इस बार सात सीटों पर आगे चल रही है, जिसमें अमेठी और रायबरेली भी शामिल हैं। राहुल गांधी रायबरेली से 3.3 लाख वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं। अगर कांग्रेस अमेठी में जीत दर्ज करती है तो यह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सीट को वापस पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
सपा और किसानों का समर्थन
2022 के विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 417 में से 255 सीटें जीती थीं, जबकि सपा 111 सीटों के साथ सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी रही। किसान आंदोलन ने सपा को महत्वपूर्ण समर्थन दिया था, जो इस चुनाव में भी जारी है।
एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां
उत्तर प्रदेश में इस चुनाव का परिणाम काफी चौंकाने वाला रहा है। एग्जिट पोल्स ने बीजेपी के 68 सीटें जीतने की संभावना जताई थी, जबकि ‘इंडिया’ को केवल 12 सीटें मिलने की उम्मीद थी। हालांकि, टीवी5 तेलुगु ने भविष्यवाणी की थी कि विपक्षी गठबंधन 43 सीटें जीत सकता है।
बीजेपी गठबंधन को 400 से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी, लेकिन सपा के प्रदर्शन ने सभी को हैरान कर दिया है।
अगर सपा और कांग्रेस इस प्रदर्शन को बरकरार रखते हैं, तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। यह चुनाव परिणाम विपक्षी दलों के लिए एक नई उम्मीद जगाता है और बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है।