नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 23 जुलाई को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया, जिसमें देश के युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में युवाओं की नाराजगी को दूर करने के लिए एक विस्तृत पैकेज का एलान किया है। यह बजट उन युवाओं के लिए है जो नीट-यूजी, नेट जैसी परीक्षाओं में धांधली और रोजगार की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस बजट में युवाओं के लिए क्या खास घोषणाएं की गई हैं और पिछले बजट में क्या एलान हुए थे।
प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “हम 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा कर रहे हैं। इस साल हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।”
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं
- योजना अ: पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए
इस योजना के तहत, पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने की दिहाड़ी के बराबर भुगतान मिलेगा। उन्हें तीन किस्तों में पहला वेतन दिया जाएगा और यह सहायता केवल ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों के लिए होगी। योग्यता सीमा 15,000 रुपये प्रति माह होगी, जिससे 2.10 करोड़ युवाओं को लाभ होगा। - योजना ख: विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों का विस्तार
इस योजना के तहत, विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलेगा। - योजना ग: नियोक्ताओं की मदद
यह योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार के लिए नियोक्ताओं को समर्थन देने पर केंद्रित है। एक लाख रुपये वेतन वाले सभी कर्मचारियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। सरकार प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी, जिससे 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार प्राप्त होगा।
महिलाओं के लिए विशेष योजना
वित्त मंत्री ने कहा, “हम रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला हॉस्टल और बालगृहों की स्थापना करेंगे। यह योजना महिला कौशल कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेगी।”
कौशल विकास योजना
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत राज्य सरकारों के साथ मिलकर अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा।
पिछले बजट में युवाओं के लिए घोषणाएं
पूर्व अंतरिम बजट में 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड करने और 54 लाख को अपस्किल या रि-स्किल करने की घोषणा की गई थी। पीएम मुद्रा योजना के तहत युवा उद्यमियों को 43 करोड़ रुपये के लोन दिए गए। नए आईटीआई, आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम, एम्स और विश्वविद्यालयों का निर्माण हुआ।
इस बार के बजट में युवाओं की उम्मीदें
बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे युवाओं की सरकार से कई उम्मीदें हैं। वर्तमान में, युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोज़गार प्राप्त करना है। सरकार ने पहले भी कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अभी भी जमीन पर पर्याप्त प्रभाव देखने को नहीं मिला है। युवा वर्ग अब उम्मीद कर रहा है कि सरकार इस बार ठोस और प्रभावी कदम उठाएगी, जो वास्तविक रूप से रोजगार सृजन में सहायक सिद्ध होंगे।