कानपुर। 25 मई से नौतपा(Nautapa) लग चुके है। इसके चलते देश के कई हिस्सों का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में 2 डिग्री पारा और चढ़ने का अनुमान बताया गया है। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश जरूर हुई है लेकिन ये राहत ज्यादा समय तक नहीं रहने वाली। इसकी वजह है मई में नौतपा का शुरू होना। आइए जानते है कब मिलेगी इस प्रचंड तपिश से राहत
क्या है नौतपा(Nautapa)? जानें कब मिलेगी गर्मी से राहत
ज्योतिषाचार्य पं0 अरविंद दीक्षित ने नौतपा के गणित को समझाते हुए बताया कि नौतपा एक वैदिक ज्योतिषीय अवधि है जो हर साल सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही शुरू होती है। इस बार ये समय 25 मई को सुबह 3.15 बजे पर शुरू हुआ था। इस 9 दिन की अवधि में सूर्य और पृथ्वी की दूरी कम हो जाती है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है। जिसकी ही वजह से इस समय लोग गर्मी का प्रचंड रूप झेल रहे है।
पं0 अरविंद ने बताया कि 2 जून रविवार को नौतपा तो खत्म हो जाएंगे लेकिन गर्मी से राहत 8 जून के बाद ही मिलेगी। क्यूंकि 8 जून शनिवार को 1: 05 मिनट से सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे जिससे भारत में मानसून की शुरुआत होती है। उन्होंने आगे कहा कि नौतपा का ये समयावधि विभिन्न प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व भी होता है।
नौतपा का धार्मिक महत्व
ज्योतिषाचार्य पं0 अरविंद दीक्षित के अनुसार नौतपा में पूजा पाठ का एक विशेष महत्व होता है। ये समय विशेष रूप से सूर्य देव की अराधना के लिए समर्पित होता है-
- नौतपा के दौरान सूर्य देव की अराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है।
- इस दौरान पानी, दही, दूध, नारियल पानी और अन्य ठंडी चीजों दान करने से, प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
- इस दौरान राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाने से पुण्य फल मिलता है।
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है, तो नौतपा के दौरान रोजाना सुबह सूर्य देव की अराधना करें और अर्घ्य दें इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
- नौतपा के समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी सिद्ध होता है।
- इस दौरान सूर्य पूजन अवश्य करें और अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य भी करें।
जून के पहले हफ्ते में बारिश के अनुमान: मौसम विशेषज्ञों
मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक 25 मई से 2 जून के बीच के गर्म पछुआ हवा के प्रवेश से आसमान साफ होने और पृथ्वी पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ने से पारा के और तपने का अनुमान है। जिसकी वजह से लोगों को और प्रचंड तपिश का सामना करना पड़ सकता है। राहत मिलने की बात करें तो इस गर्मी के प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनने लगेगा जिसकी वजह से समुद्र की ओर से आने वाली हवाएं बादल से प्रवेश करेंगी। जिस वजह से अनुकूल माहौल बनने पर जून के पहले सप्ताह में बारिश के आसार है।
तपा रहे नौतपा
23/24 मई की रात को हवा की दिशा बदलने से पारा तपा। न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंचने से यह अब तक की सबसे गर्म रात रही। वहीं, बीते दिन रविवार को दिन में अधिकतम पारा 46.8 डिग्री चढ़ा और पारा तपा और 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 40.7 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। हवा में नमी का स्तर 22 से 47 फीसदी रहा।
सात दिन का अनुमानित तापमान
तिथि न्यूनतम अधिकतम
25 मई- 28.6 – 41
26 मई- 28 – 42.4
27 मई – 27.7 – 43
28 मई – 27 – 43
29 मई- 28 – 41.8
30 मई – 27 – 42
31 मई – 28 – 41.5
नौतपा है मानसून का गर्भकाल
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य की तीव्र गर्मी और रोहिणी नक्षत्र (जिसका स्वामी चंद्रमा है) के जल तत्व के मिलन से नौतपा का समय आता है। इस 9 दिन की अवधि को मानसून के गर्भकाल के रूप में देखा जाता है। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है, उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं।
लोक मान्यता के अनुसार, यदि नौतपा के सभी 9 दिन प्रचंड गर्मी रहती है, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश की संभावना रहती है। ज्योतिषियों का कहना है कि जब चंद्रमा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थिति में होता है और अत्यधिक गर्मी पड़ती है, तो नौतपा अच्छा माना जाता है। वहीं, अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है और इस दौरान बारिश हो जाती है, तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना यानी गर्भपात कहा जाता है। इस प्रकार, नौतपा का समय मानसून के आगमन का संकेत देता है और इसकी तीव्रता आगे आने वाली बारिश की भविष्यवाणी करने में सहायक होती है।
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान
नौतपा के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
- पानी, दही, दूध, नारियल पानी और अन्य ठंडी चीजों का भरपूर सेवन करें। नौतपा के दौरान शरीर में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं.
- दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें। जरूरत हो तो ही बाहर निकलें
- हल्के और ठंडे कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए सिर पर टोपी या छाता लगाकर रखें
- तेल या क्रीम का उपयोग करके त्वचा को धूप से बचाएं.
- लू के दौरान शारीरिक तनाव या भारी सामान उठाने से बचें। इससे जान भी जा सकती है.
- इस दौरान गर्भवती महिलाएं, बीमार परिजन का खास ख्याल रखे।
- इस दौरान सभी प्रकार की यात्रा, सफर आदि करने से बचे।