उत्तर पश्चिम भारत में फिलहाल भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हीटवेव के एक लंबे दौर की संभावनाएं जताई हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने मानसून को लेकर राहत की खबर दी है, जिससे अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं। अप्रैल में ही मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक मानसून की बारिश होने की संभावनाएं जताई थीं।
भीषण गर्मी का दौर जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के चलते मिली तीन दिनों की राहत के बावजूद उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को जून में भी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। IMD का मानना है कि इन क्षेत्रों में 4 से 6 दिनों तक हीटवेव चल सकती है। इसके अलावा, देश के कई अन्य हिस्से भी सामान्य से अधिक न्यूनतम और अधिकतम तापमान का सामना जून में कर सकते हैं।
मानसूनी फैक्टर
खास बात है कि केरल में मानसून की सामान्य एंट्री के बाद भी विशेषकर उत्तर पश्चिम भारत में इसकी प्रगति धीमी पड़ने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह भी संभव है कि मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक दे दे। मौसम विभाग का कहना है कि केरल में अगले पांच दिनों के दौरान मानसून की दस्तक के लिए अच्छी स्थिति बन सकती है। ऐसे में केरल में मानसून सामान्य तारीख यानी 1 जून या इससे एक दिन पहले पहुंच सकता है।
तीन दिनों की राहत
दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत में अगले तीन दिनों तक हीटवेव जारी रहेगी, लेकिन 30 मई से इसमें कमी आएगी। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि IMD ने कहा कि जून में उत्तर-पश्चिम भारत समेत पूरे देश में तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा और 4-6 दिन हीटवेव भी चलेगी।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में जून के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किए। उन्होंने कहा कि मई के दूसरे पखवाड़े में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने के कारण बारिश या बूंदाबांदी नहीं हुई। मौसम शुष्क बना रहा, जिसके फलस्वरूप तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे हीटवेव तेज और व्यापक हुई।
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मई में हीटवेव के दो दौर
डॉ. महापात्र ने बताया कि मई में हीटवेव के दो दौर देखने को मिले हैं। 1-7 मई के दौरान ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और दक्षिणी राज्यों के अन्य हिस्सों में हीटवेव का प्रकोप देखा गया। दूसरी बार 16-26 मई के बीच राजस्थान एवं गुजरात में 9-12 दिनों तक हीटवेव रही है। यहां तापमान 45-50 डिग्री तक पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर, दक्षिण हरियाणा, दक्षिण पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में 5-7 दिन तक हीटवेव का प्रकोप रहा है। यह अभी जारी है तथा अगले तीन दिनों तक रहेगी।
30 मई के बाद राहत की उम्मीद
30 मई के बाद से हीटवेव में कमी आनी शुरू होगी। हीटवेव के दौरान तापमान 44-48 डिग्री तक पहुंच गया है। महापात्र के मुताबिक, जून में देशभर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना है, जिसके चलते फिर हीटवेव की संभावनाएं ज्यादा हैं। जून में 2-4 दिनों तक हीटवेव होती है, लेकिन इस बार यह 4-6 दिनों की हो सकती है।
इस खबर से साफ है कि उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी का प्रकोप अभी थमने वाला नहीं है। जबकि मानसून की आमद से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन जून में भीषण गर्मी का कहर जारी रहेगा। लोगों को सावधानी बरतने और मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है। गर्मी से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना, धूप से बचना और आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करना महत्वपूर्ण होगा।