कुवैत सिटी। कुवैत में भीषण अग्निकांड ने 49 जिंदगियां लील लीं। दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में स्थित एक बहुमंजिला इमारत, जिसमें विदेशी मजदूर रह रहे थे, आग की भेंट चढ़ गई। इस भयावह हादसे में 40 से ज्यादा भारतीयों की मौत हो गई, जबकि बाकी मृतक पाकिस्तान, फिलीपीन, मिस्र, नेपाल के नागरिक थे। 50 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
इस दुखद स्थिति में भारतीय केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कुवैत के लिए रवाना होने से पहले कहा कि कुछ शव इतने जल गए हैं कि पहचानना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली हवाई अड्डे पर ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने कल शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की। यह एक बहुत दुखद त्रासदी है। हम हर पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
विदेश मंत्री ने बताया कि मारे गए लोगों के शवों को भारत वापस लाने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन कई शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण की जरूरत पड़ रही है। वायु सेना का एक विमान स्टैंडबाय पर है, जो शवों की पहचान के बाद उन्हें भारत लाएगा।
कुवैत में भारतीय दूतावास ने राहत कार्यों के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क में है। प्रभावित लोगों के परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन +965-65505246 (व्हाट्सएप और नियमित कॉल) भी स्थापित की गई है।
पीएम मोदी ने की आपातकालीन बैठक, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस त्रासदी को ‘दुखद’ बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा की। पीएम मोदी ने मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की।
विदेश मंत्री ने की कुवैती समकक्ष से बात, इस बात की अपील
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की और भारतीयों के शवों को शीघ्र भारत भेजने की अपील की। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया, “कुवैत में आग लगने की घटना पर कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की। हमें आश्वासन दिया गया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
हताहत हुए भारतीयों में ज्यादातर केरल के
अधिकारियों ने बताया कि हताहत हुए भारतीयों में ज्यादातर केरल के हैं। हादसे के वक्त वे सभी सो रहे थे और धुएं से दम घुटने की वजह से उनकी जान चली गई। आग मंगफ क्षेत्र में स्थित छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी, जहां 195 मजदूर रहते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों में अधिकतर भारतीय नागरिक केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारतीय राज्यों से थे, जिनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच थी।
घटना के दिए जांच के आदेश
कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल सबाह ने आग की घटना की जांच के आदेश दिए और इमारत के मालिक तथा चौकीदार को गिरफ्तार करने के निर्देश जारी किए। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने भी इस भीषण त्रासदी की जांच करने और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की प्रतिबद्धता जताई। देश के युवराज और प्रधानमंत्री ने भी मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।