नई दिल्ली । दुनिया के सभी प्रभावशाली देशों और बड़े बड़े उद्योगपतियों का ध्यान भारत के आर्थिक विकास पर है। भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की ओर काम कर रहा है। भारत में निवेश को लेकर संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने कहा कि भारत ने “बहुत मजबूत” आर्थिक विकास प्रदर्शन दर्ज किया है। कई कंपनियां भारत में निवेश कर रही है तो कई कंपनियां निवेश करना चाहती हैं।
भारत में निवेश को आतुर है विदेशी कंपनियां
जहां पहले निवेशकों की पहली पंसद चीन होती थी अब उस स्थान पर भारत काबिज है। सभी बड़े बड़े निवेशक भारत में अपना पैसा निवेश करना पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह है वैश्विक निकाय की ओर से भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की growth को दिखाना। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा, आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के प्रमुख हामिद राशिद ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि भारत को सबसे ज्यादा लाभ अन्य पश्चिमी स्रोतों से होने वाले अधिक निवेश से हो रहा है, COVID-19 के बाद से विदेशी कंपनिया चीन में निवेश के लिए कम जा रही है। इसलिए भारत में उभरती संभावनाए कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक निवेश स्रोत बन गई है। जिससे भारत को भी फायदा हो रहा है
2024 में भारत की GDP
विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं 2024 के मध्य-वर्ष के अपडेट पर जानकारी देते हुए हामिद राशिद ने बताया कि 2024 के लिए भारत के विकास अनुमानों को संशोधित किया गया है।साथ ही बताया कि 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 7% तक बढ़ने का अनुमान है, और 2025 में 6.6 प्रतिशत बढ़ने का। भारत की GDP बढ़ने की वजह आने वाला मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत को बताया गया है। राशिद ने आगे बताया कि भारत में कमजोर बाहरी मांग का माल निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा, फार्मास्यूटिकल्स और रसायनों के निर्यात में जोरदार वृद्धि की उम्मीद है। बता दें कि मध्य वर्ष के अपडेट में भारत के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए 6.2 प्रतिशत जीडीपी पूर्वानुमान से अधिक है।