नई दिल्ली। हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस पहुंचे। दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा सुबह-सुबह अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचे राहुल गांधी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद, वह हाथरस के नवीपुर खुर्द, विभव नगर स्थित ग्रीन पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने आशा देवी, मुन्नी देवी और ओमवती के परिवार वालों से बातचीत की।
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर कहा, “यह एक दुखद हादसा है जिसमें कई परिवारों को नुकसान हुआ है और कई लोगों की मृत्यु हुई है। प्रशासन की कमी और गलतियों के कारण यह हादसा हुआ है। पीड़ित परिवारों को सही मुआवजा मिलना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि वे दिल खोलकर मुआवजा दें और इसे जल्दी से जल्दी प्रदान करें।”
राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वह अपने स्तर से पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस स्तर पर हैं कि पीड़ित परिवारों की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ सरकार से हर संभव मदद सुनिश्चित कराएंगे।
इस बीच, हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोजन समिति से जुड़े छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के मुख्य आयोजक और मुख्य सेवादार की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। गिरफ्तार लोगों में उपेंद्र, मंजू यादव और मुकेश कुमार शामिल हैं। अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर ने बताया कि जोन स्तर पर सभी जिलों में एसओजी की टीमों को आरोपियों को चिह्नित और गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। मौके से मिले साक्ष्यों को विवेचना का हिस्सा बनाया जा रहा है।
गिरफ्तार लोगों ने बताया कि बाबा के चरण रज लेने से काफी कष्ट दूर हो जाते हैं और वे समिति के अध्यक्ष व सदस्य के रूप में कार्य करते हैं। विवेचना में अगर बाबा का नाम आता है, तो उस बिंदु पर कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर बाबा से पूछताछ भी की जाएगी। आईजी ने बताया कि मृतकों की संख्या 121 है और सभी शवों की पहचान हो गई है तथा पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद, एक पीड़ित परिवार के सदस्य ने बताया, “राहुल गांधी ने पूछा कि यह सब कैसे हुआ। मैंने उनसे कहा कि चलते समय लोग बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भागे, जिसके बाद वे एक-दूसरे से टकराए और गिर गए। जब मेरी मां घर नहीं आईं, तो हम उन्हें ढूंढने गए, वहां कीचड़ में लथपथ शव थे। राहुल गांधी ने हमसे पूछा कि दोषी कौन है? हमारे अनुसार, इस घटना के लिए बाबा जिम्मेदार हैं।”
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