नई दिल्ली। दिल्ली में जल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की है। आतिशी ने कहा कि दिल्ली में सात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट मुनक नहर के पानी पर निर्भर हैं। अगर आज पानी की मात्रा नहीं बढ़ी तो अगले कुछ दिनों में दिल्ली में जल संकट और गहरा जाएगा।
मुनक नहर की कमी का निरीक्षण
शनिवार को जल मंत्री आतिशी ने बवाना स्थित मुनक नहर की दो उप नहरों का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि पिछले सात दिनों से हरियाणा कम मात्रा में पानी भेज रहा है। मुनक नहर से दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए, लेकिन यह घटकर 840 क्यूसेक तक रह गया है।
प्रेस वार्ता में आतिशी की चिंता
निरीक्षण के बाद प्रेस वार्ता में आतिशी ने कहा, “मुनक नहर से हमें केवल 840 क्यूसेक पानी मिल रहा है जबकि हमें 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। यदि दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं मिलेगा, तो इसके परिणामस्वरूप सातों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित होंगे। इससे शहर में अगले कुछ दिनों में पानी की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी।”
हरियाणा सरकार पर आरोप
आतिशी ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “भीषण गर्मी में दिल्ली के लोगों को परेशान करने के लिए हरियाणा सरकार राजनीति करना बंद करे और दिल्ली को उसके हिस्से का पानी दे।” दिल्ली पूरी तरह यमुना नदी पर निर्भर है और सात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से घरों में पानी पहुंचता है। इन प्लांट्स में पानी वजीराबाद बैराज और मुनक नहर की दो उप नहरों सीएलसी और डीएसबी से आता है।
समझौते के अनुसार पानी की आपूर्ति
आतिशी ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली के समझौते के अनुसार हरियाणा को रोजाना 1050 क्यूसेक पानी मुनक नहर के जरिए दिल्ली के लिए छोड़ना होता है। पिछले 5 साल के आंकड़ों के अनुसार, गर्मी के मौसम में 1040 से 990 क्यूसेक पानी दिल्ली तक पहुंचता है, जिसे बवाना कांटैक्ट पॉइंट पर फ्लो मीटर से मापा जाता है।