रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आज दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। बुधवार रात के खौफनाक बादल फटने की घटना के बाद, आज की सुबह फंसे श्रद्धालुओं के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। इस आपदा ने हर किसी के दिलों में दहशत भर दी है।
बादल फटने का असर और रेस्क्यू ऑपरेशन
बुधवार देर शाम बादल फटने के कारण केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया। इसके चलते, अलग-अलग जगहों पर फंसे यात्रियों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन और जिला पुलिस की रेस्क्यू टीमों की मदद से निकाला जा रहा है।
यात्रियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
नेटवर्क की समस्याओं और यात्रियों के परिजनों से संपर्क न होने की वजह से पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने यात्रियों और आम जनता की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस के कंट्रोल रूम के नंबर 7579257572 और पुलिस कार्यालय का लैंडलाइन नंबर 01364-233387 हेल्पलाइन के तौर पर शुरू किए गए हैं। इन नंबरों के व्यस्त रहने पर आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करके आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
भारी बारिश और बादल फटने का प्रभाव
गहरे अंधेरे के बीच बादलों की तेज गर्जना और बिजली की चमक के साथ हो रही तेज बारिश ने लोगों में अनहोनी का डर पैदा कर दिया। 2013 की आपदा की यादें ताजा हो गईं। यात्रा मार्ग पर दुकान चलाने वाले लोग और स्थानीय निवासी किसी तरह से भारी बारिश के बीच सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे।
रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति पहुंची है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 25 मीटर रास्ता बह गया। 4000 फंसे यात्रियों में से 3300 को पैदल और 700 को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और तीर्थयात्रियों से बातचीत कर उनका हौंसला बढ़ाया। प्रशासन ने यात्रियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की है।
आपदा की रात
बुधवार देर शाम साढ़े सात बजे से शुरू हुई तेज बारिश और रात साढ़े आठ बजे बिजली की तेज चमक और गर्जना के साथ लिनचोली से भीमबली के बीच बादल फट गया। इसके कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से रामबाड़ा में बने दो हल्के पुल भी बह गए। भीमबली के पास करीब 25 मीटर रास्ता बह चुका है। भीमबली से जंगलचट्टी होते हुए गौरीकुंड तक भी पैदल मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा है। लिनचोली से केदारनाथ तक का रास्ता कई जगहों पर अति संवेदनशील हो चुका है।
यह भी पढ़ें:
- Best Casinos Welcome Bonus Sign Upward And Claim Your Own Bonus 2024
- Best Casinos Welcome Bonus Sign Upward And Claim Your Own Bonus 2024
- How In Order To Play Crazy Moment How To Earn In The Live On Line Casino Slot Game
- Darmowe Typy Bukmacherskie Na Zakłady Sportowe
- How In Order To Play Crazy Moment How To Earn In The Live On Line Casino Slot Game
- Top On-line Casino And Gambling Оperators December 2024″