World Day Against Child Labour हर साल 12 जून को संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। इस 25 मे बाल मजदूरी एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान हम आज तक नहीं कर पाए हैं। जब कभी हम ढाबों में जाते हैं तो वहां देखते हैं कि 9 या 10 साल का कोई बच्चा काम कर रहा होता है। यह उम्र उसके काम करने की नहीं है बल्कि पढ़ने-लिखने की है। ऐसा करने से बच्चे का स्वास्थ्य खराब होता है। उसे नैतिकता का ज्ञान नहीं होता है।
World Day Against Child Labour 2024 का थीम
इस साल के World Day Against Child Labour का थीम है:-” Let’s act on our commitments “
इस वर्ष हम 1999 में बने “Worst Forms of Child Labour Convention ( WFCLC ) को फिर से अपनाने की कोशिश करेंगे।
यह कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO) द्वारा पारित किया गया था। इस कन्वेंशन के आर्टिकल 2 के तहत बाल मजदूरी के लिए बच्चों की आयु निर्धारित की गई है। इसके अनुसार अगर बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम होती है। वह काम करता हुआ पाया जाता है तो इसे बाल मजदूरी के अंतर्गत रखा जाएगा। ILO के 87 वें सेशन में पारित यह कन्वेंशन हमें एक मौका देता है। इस मौके को हम बाल मजदूरी को रोकने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस थीम का उद्देश्य है कि हम बाल मजदूरी को कम करें ।इसके लिए हमें और भी प्रयास करने की जरूरत है। SDG ( Sustainable Development Goal) का आठवां टारगेट इसी के अंतर्गत आता है। इस संगठन द्वारा कहा जा रहा है कि हम 2025 तक बाल मजदूरी को पूरी तरह से हटा देंगे।
12 जून 2024 को हम निम्नलिखित बातों पर ध्यान देंगे ताकि हम इस World Day Against Child Labour के मौके पर बाल मजदूरी को कम कर सके:-
WFCLC के कन्वेंशन नंबर 182 को प्रभावी रूप से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। हर इकाई पर बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए पॉलिसी को अपनाना।
लगभग दो दशकों से दुनिया ने काफी उन्नति कर ली है ।इस बाल मजदूरी को हटाने के लिए लेकिन जब से कोविद-19 आया है तब से दुनिया में कई परिवार गरीबी में जी रहे हैं। ऐसे में बच्चों को जबरदस्ती काम करना पड़ रहा है। अर्थव्यवस्था में वृद्धि इसे हटाने के लिए काफी नहीं है ।
दुनिया में लगभग आज 160 मिलियन बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं इसका मतलब हुआ कि हर 10 बच्चों में से एक बच्चा बाल मजदूरी कर रहा है।
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क्या कहते हैं आंकड़े
कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन के अनुसार 2023 तक भारत में 7.8 मिलियन बच्चे मजदूरी करते हैं।यह आंकड़ा 5 से 14 वर्ष के बच्चों का है जिसमें 57 परसेंट लड़के हैं । लगभग 72 मिलियन तो सिर्फ अफ्रीका में बच्चे मजदूरी कर रहे हैं। एशियाई देशों में यह आंकड़ा 7% तक है। प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में लगभग 62 मिलियन बच्चे इस जंजीर में जकड़े हुए हैं। अमेरिका में यह आंकड़ा 11 मिलियन तक है। यूरोप और मध्य एशिया में 6 मिलियन और अरब देशों में यह आंकड़ा सिर्फ 1 मिलियन तक है। इसका मतलब हुआ कि विकसित देश इसे नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल साबित हुए हैं।
आखिर हम कैसे कम कर सकते हैं बाल मजदूरी को?
- रोजगार के अवसर पैदा करना ताकि उनके बच्चे आर्थिक तंगी से न गुजरे।
- बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना। भारत में सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया गया था, जिसमें 6 से 14 साल के बच्चों को निशुल्क में शिक्षा दी जाती थी।
- भारत में संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकार दिए गए हैं अनुच्छेद 21 A के अंतर्गत Right to Education का अधिकार आता है।
- इसके साथ-साथ हमें एक सामाजिक दायित्व का भी वहन करना चाहिए। अगर हम आर्थिक तौर पर सक्षम है तो हमें कम से कम एक बच्चे को उसकी शिक्षा देनी चाहिए।