आज हम फिर से लेकर आ गए हैं आपके लिए एक नया अंतर्राष्ट्रीय दिवस। आज है छठवाँ विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food safety Day 2024 )। प्रत्येक वर्ष 7 जून को World Food safety Day मनाया जाता है। इस दिन लोगों को खाद्य सुरक्षा और अनाज के भंडारण के बारे में जागरूक किया जा सके। सन 2018 में संयुक्त राष्ट्र संघ के ”खाद्य एवं कृषि संगठन‘ (FAO) द्वारा इसे महत्वपूर्ण दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
World food Safety Day 2024 पर क्या कहते हैं आंकड़े
WHO की रिपोर्ट के अनुसार हर साल दुनिया में 10 में से 1 लोग बीमार पड़ जाते हैं । वह इसलिए बीमार पड़ते हैं क्योंकि उन्हें दूषित खाना मिलता है। लगभग 200 बीमारियां सिर्फ और सिर्फ दूषित भोजन करने की वजह से होते हैं। 5 साल से कम उम्र के 40 % बच्चों में भोजन संबंधित बीमारियां होती है जैसे कि डायरिया। स्वच्छ भोजन न खाने से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हर साल लगभग 95 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है।
World Food safety Day 2024 का थीम
World Food safety Day का काम होता है कि वह लोगों का ध्यान खाद्य सुरक्षा से संबंधित घटनाओं की तरफ खींचें। ताकि लोग खाद्य सुरक्षा से संबंधित जानकारी को समझ पाए। इस साल का थीम है -“Prepare for unexpected “, लोगों को खाद्य सुरक्षा से संबंधित घटनाओं के महत्व के बारे में बताना “। खाद्य सुरक्षा संबंधी घटनाओं के बारे में पहले से ही तैयार रहना । साथ ही यह भी बताना कि आखिर इसका प्रभाव किस तरह से हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है?
घटना बड़ी हो या छोटी इसका असर हमारे भोजन पर पड़ता है।
अभी इज़राइल- हमास का युद्ध चल रहा है। आपको क्या लगता है वहां पर लोगों को खाने को मिलता होगा? रूस और यूक्रेन की युद्ध की वजह से बहुत सारा गेहूं दुनिया के और देशों में नहीं जा सका, ऐसे मे अफ्रीकी देशों के लोग भुखमरी में जी रहे हैं। कुछ महीनों पहले भारत में ट्रक से भरा आलू पलट गया था।
सन 2018 में पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान कई लोग बीमार पड़ गए थे। जांच करने पर पता चला कि कीछु -चौमुख गांव के लोग प्रसाद खाने के कारण बीमार पड़ गए थे। यह सारी घटनाएं खाद्य सुरक्षा से संबंधित हैं। अभी ऊपर मैंने कुछ घटनाओं का जिक्र किया है। यह घटनाएं छोटी भी है और बड़ी , परंतु इनका प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पङता है।
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क्यों जरूरी है खाद्य- सुरक्षा
अर्थव्यवस्था पर पड़ता है
किसी भी देश का मानव संसाधन तब तक बना रहता है जब तक वह शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दें। भोजन संबंधित बीमारियां हमें तब होती है जब हमारे शरीर में बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या फिर कोई केमिकल रासायनिक युक्त पदार्थ हमारा हमारे शरीर में भोजन या पानी द्वारा जाता है। ऐसे में इंसान बीमार पड़ जाता है।
अगर इंसान बीमार पड़ जाता है तो वह अपने कार्य पर ध्यान नहीं दे पता है ऐसे में इसका असर उसकी प्रोडक्टिविटी पर भी पड़ता है ।साथ ही साथ इसका प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है।
खाद्य श्रृंखला को बनाए रखना
खाद्य सुरक्षा की मुख्य भूमिका होती है कि यह भोजन को सुरक्षित रखे। यह भोजन श्रृंखला( Food chain ) को बनाए रखता है।यह फसल के उत्पादन से लेकर उसके उपयोग करने तक सारे स्टेज में आवश्यक होता है।
स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
WHO की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 600 मिलियन केस भोजन संबंधित बीमारियों से होते हैं। स्वच्छ और संतुलित भोजन न करने से मानव शरीर का स्वास्थ्य बिगड़ता है।
खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम
World Food safety Day इसलिए भी जरूरी है ताकि हम वैश्विक तौर पर लोगों को एक स्वच्छ खाना दे सकें। हाइजीन की अगर हम प्रेक्टिस करें तो हम भोजन से संबंधित बीमारियों को भी कम कर सकते हैं।
“Food safety, everyone’s business” नाम का कैंपेन WHO द्वारा.चलाया जाता है ताकि वह लोगों को वैश्विक तौर पर इसके बारे में जागरूक कर सके।
FSSAI (Food Safety and Standards of India) नाम की संस्था हमारे देश में खाद्य सुरक्षा से संबंधित सारे मानकों को तय करती है।
भारत में आर्टिकल 21 के तहत Right to life का अधिकार दिया गया है। एक तरह से देखा जाए तो इस अधिकार के अंतर्गत भोजन,पानी और हवा भी आता है। ऐसे में हमें स्वच्छ भोजन मिलना हमारा मौलिक अधिकार है।
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