
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। इस मामले में केजरीवाल दूसरे बड़े नेता हैं जिन्हें जमानत मिली है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद संजय सिंह को जमानत प्रदान की थी।
अदालत का फैसला और प्रक्रिया
अवकाश न्यायाधीश नियाय बिंदु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिनों तक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। उन्होंने दिन में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया था कि यह मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण वे बहस पूरी होने के बाद तुरंत ही फैसला देंगे। अदालत ने गुरुवार शाम आदेश सुनाए जाने के बाद ईडी के उस अनुरोध को खारिज कर दिया जिसमें जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने को 48 घंटे के लिए टालने की मांग की गई थी। अदालत ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए जमानत बांड को अगले दिन ड्यूटी जज के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।
जमानत की शर्तें
अदालत ने अपने आदेश में केजरीवाल की जमानत एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर स्वीकार की। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए जमानत प्रदान की थी, जिसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था।
बचाव पक्ष के तर्क
केजरीवाल के अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने ईडी के आरोपों को लेकर जोरदार तर्क प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि ईडी के आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है और यह एजेंसी केवल परिकल्पना के आधार पर निष्कर्ष निकालती है। चौधरी ने सवाल उठाया कि क्या ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है या किसी राजनीतिक आकाओं के हाथों में खेल रही है? उन्होंने कहा, “यदि वे अभी भी सामग्री एकत्र कर रहे हैं तो यह एक अंतहीन जांच है। वे कहते हैं कि केजरीवाल आप के राष्ट्रीय संयोजक हैं और इसलिए वह पार्टी द्वारा किए गए हर काम के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि आप को कभी 45 करोड़ रुपये मिले थे। यह सब अटकलों, पूर्वाग्रहों और मान्यताओं के दायरे में है।”
Read More: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: बिहार में 65% आरक्षण असंवैधानिक, राज्य सरकार को लगा जोरदार झटका
ईडी के आरोप
ईडी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली की 2021-22 की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति में जानबूझकर खामियां छोड़ी थीं। ईडी का दावा है कि शराब विक्रेताओं से प्राप्त रिश्वत का उपयोग गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी अभियान के लिए किया गया था। एजेंसी के अनुसार, केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से धन शोधन के अपराध के लिए उत्तरदायी हैं।
केजरीवाल का बचाव
अरविंद केजरीवाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और ईडी पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ईडी के आरोप बेबुनियाद हैं और यह एक राजनीतिक साजिश है। केजरीवाल ने अदालत में पेश होकर अपने बचाव में मजबूत तर्क दिए और कहा कि उन्हें किसी अन्य व्यक्ति की तरह समान स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।
जमानत की प्रक्रिया
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वह कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली की आबकारी नीति में खामियां छोड़ने की साजिश का हिस्सा थे। अदालत ने इस मामले में विस्तृत जांच के बाद केजरीवाल को जमानत प्रदान की। अदालत के आदेश के अनुसार, केजरीवाल को एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा करना होगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर राजनीति भी गरमाई हुई है। विपक्षी दलों ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां एक ओर कांग्रेस ने केजरीवाल के समर्थन में बयान दिए, वहीं भाजपा ने ईडी की जांच का समर्थन किया है और कहा है कि कानून को अपना काम करने दिया जाए।
यह भी पढ़ें:
- Mostbet Tr: Türkiye’de Online Gambling Establishment Ve Bahis Şirketi
- Mostbet Início Da Sua Jornada De Apostas Neste Momento! 4o Mini
- Mostbet Türkiye Güncel Giriş Adresi
- Baixar O Software Mostbet Para Android Os Apk E Ios Grátis
- Bonus Free Spin Casino Non Aams Con Bonus Giri Gratis
- Mostbet Início Da Sua Jornada De Apostas Neste Momento! 4o Mini