19 जून, 2024, नई दिल्ली: हरियाणा की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने किरण चौधरी के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने को कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका बताया है।
किरण चौधरी, जो तोशाम से विधायक हैं और भिवानी जिले में स्थित हैं, ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। श्रुति, जो भिवानी-महेंद्रगढ़ से पूर्व सांसद रह चुकी हैं, हरियाणा कांग्रेस इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष भी थीं।
कुमारी सैलजा की प्रतिक्रिया
कुमारी सैलजा ने कहा, “यह दुखद है। किरण पार्टी की एक वरिष्ठ नेता रही हैं। उन्होंने बंसी लाल की राजनीति को आगे बढ़ाया। यह पार्टी के लिए नुकसानदायक होगा। उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया गया, यह उनकी पार्टी छोड़ने का कारण हो सकता है। अगर श्रुति को टिकट मिलती, तो वह बड़े बहुमत से जीततीं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी, लेकिन उनके साथ अन्याय हुआ है।”
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अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस असंध विधायक, शमशेर सिंह गोगी ने भी उनके बाहर निकलने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व को इसका समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे दुख है और मैं भी पछता रहा हूँ। वह अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में रहीं और संघर्ष किया। अगर उन्हें कुछ समस्याएँ थीं, तो उन्हें हाई कमान से मिलना चाहिए था। हाई कमान को भी ऐसे घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।”
बीजेपी नेता और पूर्व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, “इस बार जनता ने कांग्रेस को पिछली बार से बड़ा जनादेश दिया। लेकिन इसके साथ ही, उनका अहंकार भी बढ़ गया। उनके प्रवेश द्वार पर सन्नाटा है और निकास द्वार पर भीड़ है।”
हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति
पिछले संसदीय चुनावों में, कांग्रेस ने हरियाणा में 10 में से 5 लोकसभा सीटें जीती थीं, जबकि 2019 में एक भी नहीं। इस पर नकवी ने कहा, “कांग्रेस का हरियाणा में कोई भविष्य नहीं है, इसलिए वह (किरण) वहाँ जा रही हैं जहाँ उन्हें लगता है कि उनका भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि उनकी बेटी को टिकट नहीं मिला। इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है।”
हरियाणा कांग्रेस के सामने चुनौती यह है कि पार्टी को संगठनात्मक स्तर पर मजबूत बनाने और अंदरूनी कलह को खत्म करने की आवश्यकता है। शमशेर सिंह गोगी ने कहा, “यह हमारा नेतृत्व का कर्तव्य है कि इसका समाधान निकाले। यह मेरी व्यक्तिगत राय है। मुझे नहीं पता कि वास्तव में क्या हुआ, लेकिन कुछ तो हुआ है… यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के नेताओं ने किरण चौधरी के पार्टी में शामिल होने का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे बीजेपी की स्थिति मजबूत होगी और कांग्रेस को नुकसान होगा। नकवी ने कहा, “किरण चौधरी जैसी वरिष्ठ नेता का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा लाभ है। इससे हमें हरियाणा में और मजबूती मिलेगी।”
किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होना हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इससे कांग्रेस को निश्चित रूप से नुकसान होगा, जैसा कि कुमारी सैलजा और अन्य कांग्रेस नेताओं ने व्यक्त किया है। वहीं, बीजेपी इस अवसर को अपने पक्ष में भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।
हरियाणा की राजनीति में यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों में किस प्रकार का प्रभाव डालेगी, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, यह घटना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है और बीजेपी के लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकती है।
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