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कुलगाम में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई, दो सैनिकों की शहादत

News Desk
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कुलगाम में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जारी मुठभेड़ों के दौरान आतंकवाद के खिलाफ पुलिस और सेना की संयुक्त कार्यवाही में अब तक छह आतंकवादी मारे जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने जानकारी दी कि इन मुठभेड़ों में दो सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

डीजीपी स्वैन ने बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्यों के रूप में की गई है। उनके पास से तीन एके-47 राइफलें, एक पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ स्थल पर मारे गए आतंकियों की पहचान यावर बशीर (कैमोह), जाहिद अहमद डार (यारीपोरा), तौहीद अहमद राथर और शकील अहमद वानी (कुलगाम) के रूप में हुई है। अन्य दो आतंकियों की पहचान की जा रही है।

बलिदान हुए सैनिक

इस ऑपरेशन में पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन और राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही प्रवीण प्रभाकर ने अपने प्राणों की आहुति दी। प्रदीप नैन हरियाणा के जींद जिले के जाजनवाला गांव के रहने वाले थे, जबकि प्रवीण प्रभाकर महाराष्ट्र के अकोला जिले के निवासी थे।

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श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

चिनार कोर कमांडर, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, डीजीपी और सभी रैंक के अधिकारियों ने लांस नायक प्रदीप कुमार और सिपाही प्रवीण जंजाल प्रभाकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में इन बहादुर जवानों की वीरता और बलिदान को सलाम किया।

प्रवीण प्रभाकर का अंतिम संस्कार आठ जुलाई को महाराष्ट्र के अकोला जिले के उनके पैतृक गांव मोरगांव भाकरे में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। तहसीलदार ने कहा कि प्रवीण 2019 में सेना में भर्ती हुए थे और 2020 में द्वितीय महार रेजिमेंट में थे। वह पहले मणिपुर में तैनात थे और चार महीने पहले कुलगाम में तैनात किए गए थे। उनकी हाल ही में शादी हुई थी।

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