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केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कुवैत अग्निकांड पीड़ितों को दी श्रद्धांजलि

प्रेरणा द्विवेदी
6 Min Read
कुवैत अग्निकांड

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को कुवैत अग्निकांड में मारे गए पीड़ितों के शवों को श्रद्धांजलि दी, जो कोचिन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। इस त्रासदी में कम से कम 45 भारतीयों की मौत हो गई थी, जिनमें से 31 शव केरल (23), तमिलनाडु (7), और कर्नाटक (1) के थे। भारतीय वायु सेना के विशेष विमान द्वारा इन शवों को शुक्रवार को कोच्चि लाया गया।

त्रासदी का प्रभाव और सरकारी प्रयास

इस अग्निकांड में मारे गए लोगों के शव हवाई अड्डे के कार्गो टर्मिनल के बाहर रखे गए थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए भारत सरकार और कुवैत सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला नुकसान है… कुवैत सरकार ने प्रभावी और निष्पक्ष उपाय किए हैं। भारत सरकार ने भी इस त्रासदी के बाद उचित हस्तक्षेप किया है।”

विजयन ने कहा कि उम्मीद है कि कुवैत सरकार मृतकों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देगी और केंद्र सरकार को भी प्रभावी हस्तक्षेप करना चाहिए।

राज्य के मंत्री पी. राजीव ने बताया कि प्रत्येक मृतक के लिए विशेष एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है और एक पुलिस पायलट भी प्रदान किया गया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने प्रवासी समुदाय पर इस त्रासदी के प्रभाव को “विस्तृत और प्रभावशाली” बताया और कहा कि राज्य और देश की उच्च सम्मान प्रवासी समुदाय के प्रति है।

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पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने वाले अन्य नेता

कांग्रेस सांसद हिबी ईडन, कांग्रेस नेता चांडी ऊमेन, बीजेपी राज्य अध्यक्ष के सुरेंद्रन और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन सहित अन्य नेताओं ने भी कुवैत अग्निकांड के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राज्य मंत्री वीना जॉर्ज, पी. राजीव, के. राजन, रोशी ऑगस्टिन, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी उपस्थित थे।

कुवैत अग्निकांड की घटना

यह भीषण आग 12 जून को कुवैत के मंगाफ इलाके में एक श्रमिक आवास में लगी थी, जिसमें 45 भारतीयों की जान चली गई थी। मृतकों में केरल से 23, तमिलनाडु से 7, आंध्र प्रदेश से 3, और बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल से एक-एक व्यक्ति शामिल थे।

सरकार का वादा

केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, “यह बहुत दुखद है और भारत ने जैसे ही कुवैत अग्निकांड की खबर को सुना, तुरंत कार्रवाई की। सरकार उचित कदम उठाएगी और निर्णय लेगी। हमारे पास हमारी टीम है जो सभी स्वास्थ्य परिस्थितियों में लोगों का ख्याल रखेगी। उन्हें भारत वापस लाया जाएगा और उनके पुनर्वास की भी देखभाल की जाएगी। यह कोई दया नहीं, बल्कि सरकार का कर्तव्य है।”

गोपी ने आगे कहा कि कुवैत अग्निकांड त्रासदी प्रवासी समुदाय पर एक बड़ा धक्का है, जो केरल की आर्थिक स्थिति में मदद करता है। उन्होंने कहा, “राज्य और देश की उच्च सम्मान प्रवासी समुदाय के प्रति है और यह बहुत दर्दनाक है। भारत इस मामले में अपना उचित भूमिका निभाएगा।”

कुवैत अग्निकांड जैसी तरह की त्रासदियों से निपटने के लिए सरकार के समर्पित प्रयासों की जरूरत होती है। इस मामले में भी भारत सरकार और कुवैत सरकार दोनों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया है और पीड़ितों के परिवारों को सहायता पहुंचाने के लिए तत्पर हैं।

इस खबर के माध्यम से हम उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने इस त्रासदी में अपनी जान गंवाई और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हैं। हम आशा करते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए सरकारें और अधिक ठोस कदम उठाएंगी और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

कुवैत की यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह उन चुनौतियों को भी उजागर करती है जिनका सामना प्रवासी श्रमिकों को करना पड़ता है। सरकारों को चाहिए कि वे ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करें और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाएं। इन प्रयासों से ही हम भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोक सकते हैं और श्रमिकों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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