
हरिद्वार। सनातन धर्म में रोजाना देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इससे पहले मंदिर और घर की साफ-सफाई होती है, और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्धिकरण किया जाता है। ऐसा मानते हैं कि इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। आइए जानते हैं, आखिर क्यों गंगाजल इतना पवित्र माना गया है।
इतना पवित्र क्यों है गंगाजल?
सनातन धर्म में गंगा नदी को मां गंगा का स्वरूप माना गया है क्योंकि गंगा जी का उद्गम(उत्पन्न ) भगवान श्री कृष्ण के चरणों से हुआ है, जो कि परमशुद्ध और अलौकिक है। इसलिए इसके जल को भी परम शुद्ध/पवित्र और भगवान का ही एक रूप माना जाता है। मान्यता है कि गंगाजल से स्नान करने से इंसान को पापों से मुक्ति मिलती है और यह अमृत के समान होता है। इन्हीं कारणों से पूजा-पाठ और घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का प्रयोग किया जाता है।
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गंगाजल के अद्भुत उपाय
- गृह क्लेश की समस्या: यदि घर में क्लेश की समस्या रहती है, तो पूजा के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें। मान्यता है कि इससे गृह क्लेश की समस्या से छुटकारा मिलता है और घर से नकारात्मकता दूर होती है।
- महादेव की कृपा: मां गंगा का नाता भगवान शिव से माना गया है। यदि आप महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो पूजा के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें। ऐसा करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं।
- संकटों से मुक्ति: गंगाजल को तांबे या पीतल के लोटे में रखने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। यह भी कहा जाता है कि गंगाजल को किसी भी जल में डाल देने से वह जल भी गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है। इसे पीने से कई रोग दूर होते हैं।
गंगाजल के विशेष लाभ:
गंगाजल को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और घर के सदस्यों को शांति और समृद्धि मिलती है। गंगाजल का नियमित उपयोग आपके जीवन में कई शुभ फल ला सकता है।
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