जम्मू कश्मीर के स्कूलों में ‘जन- गण-मन’ से होगी सुबह की शुरुआत; राष्ट्रगान अनिवार्य

प्रेरणा द्विवेदी
@oneindiahindi
जम्मू कश्मीर के स्कूलों में 'जन- गण-मन'

राष्ट्रगान के साथ सुबह की प्रार्थना अब अनिवार्य

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना में अब ‘जन- गण-मन’ गाना अनिवार्य कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन के इस फैसले ने घाटी में राष्ट्रवाद को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद शिक्षकों और छात्रों के लिए राष्ट्रगान गाना अब जरूरी हो गया है।

महबूबा मुफ्ती ने की आलोचना

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह “वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने” का प्रयास है। उन्होंने कहा, “मेरी पीढ़ी राष्ट्रगान गाते हुए बड़ी हुई है, चाहे वह स्कूलों में हो, सार्वजनिक समारोहों में हो या फिर सिनेमा हॉल में। इसे एक नियम के रूप में देखा जाता था, न कि सरकार की ओर से कोई आदेश।”

नए दिशा-निर्देशों के तहत क्या होगा?

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सुबह की सभा की अवधि 20 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। मानक प्रोटोकॉल के अनुसार, सुबह की सभा राष्ट्रगान के साथ शुरू होनी चाहिए। इसके बाद छात्रों और शिक्षकों द्वारा ‘महान व्यक्तित्वों/स्वतंत्रता सेनानियों” पर एक चर्चा की जाएगी।

प्रेरक भाषण और नैतिक मूल्यों का होगा विकास

नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सुबह की सभाएं छात्रों में नैतिक अखंडता और मानसिक शांति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। इसके तहत स्कूलों को छात्रों की शैक्षणिक, एथलेटिक या अन्य उपलब्धियों के बारे में घोषणा करने के अलावा ‘सप्ताह या महीने के लिए थीम’ भी पेश करने का सुझाव दिया गया है।

सरकार का उद्देश्य

जम्मू-कश्मीर स्कूलों में राष्ट्रगान को अनिवार्य करने का मकसद छात्रों में अपनी राष्ट्रीय पहचान पर गर्व महसूस कराना है। परिपत्र में कहा गया है कि स्कूलों को सुबह की सभाओं में प्रेरक भाषण भी शामिल करना चाहिए ताकि छात्रों को प्रेरित किया जा सके और दिन के लिए सकारात्मक माहौल बनाया जा सके। इससे छात्रों में ईमानदारी, सम्मान, जिम्मेदारी, कर्तव्य, नागरिकता और संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा।

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