
मुंबई। हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्माता-निर्देशक के सी बोकाडिया की फिल्म ‘तीसरी बेगम’ से एक डायलॉग”जय श्री राम” हटाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में बहस जारी है। बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान फिल्म में सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए 14 कट्स में से 13 को बनाए रखने पर सहमति बन गई, लेकिन 14वें कट, जिसमें “जय श्री राम” शब्द को हटाने की बात कही गई थी, पर बोकाडिया ने झुकने से साफ मना कर दिया है।
बोकाडिया का तर्क: धर्म आधारित पक्षपात
बोकाडिया का कहना है कि यह सिर्फ उनकी फिल्म की बात नहीं है, बल्कि उन अधिकारियों का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने की है जो धर्म आधारित पक्षपात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राम मेरी आस्था के प्रतीक हैं और इतनी सारी फिल्में बनाने और इतना नाम कमाने के बाद भी अगर मैं अपनी फिल्म में राम का नाम ही न बचा पाया तो फिर मेरा ये सब करना व्यर्थ हो जाएगा।”
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के सी बोकाडिया का फिल्मी सफर
देश में सबसे तेज 50 फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माता का रिकॉर्ड रखने वाले बोकाडिया की गिनती उन लोगों में होती है जिन्होंने अमिताभ बच्चन को फिर से मुंबई फिल्म जगत में स्थापित होने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने अभिनेत्री रेखा का करियर भी तब बचाया जब उनकी फिल्मों का सामाजिक बहिष्कार शुरू हो चुका था। हाल ही में उनकी फिल्म ‘द सिगनेचर’ को जी समूह ने खरीदा है और यह फिल्म सितंबर में रिलीज होने की उम्मीद है।
फिल्म ‘तीसरी बेगम’ का विवाद
‘तीसरी बेगम’ का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में है। अदालत ने हाल ही में फिल्म का वह अंश भी देखा जिस पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। इसके बाद अदालत ने पूरी फिल्म देखने की इच्छा जताई और बोकाडिया के वकील ने पूरी फिल्म की डिजिटल कॉपी अदालत में जमा कर दी है।

आनाकानी करते हुए सेंसर बोर्ड का निर्णय
पहले तो सेंसर बोर्ड की ओर से फिल्म ‘तीसरी बेगम’ को पास करने से ही मना कर दिया गया था, लेकिन पुनरीक्षण समिति ने इसे 14 बदलावों के बाद ‘केवल वयस्कों के लिए’ सर्टिफिकेट के साथ जारी करने की सिफारिश की। इन 14 बदलावों में एक निर्देश फिल्म के क्लाइमेक्स में एक मुस्लिम किरदार का अपने डायलॉग में “जय श्री राम” बोलने को लेकर भी था।
जब जावेद अख्तर बोल सकते है तो…
बोकाडिया का कहना हैं कि मेरी लड़ाई किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं है। मेरी लड़ाई एक सोच के खिलाफ है। आज के समय में तो हर कोई जय श्री राम कहता है। यहां तक कि जब जावेद अख्तर सार्वजनिक मंचों पर खड़े होकर जय श्री राम कह सकते हैं तो मेरी फिल्म में अगर कोई मुस्लिम जय श्री राम कह रहा है तो इस पर सेंसर बोर्ड कैसे आपत्ति कर सकता है।”
फिल्म की रिलीज
बोकाडिया के वकील अशोक सरावगी के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने 14 बदलावों में से 13 को वापस लेने पर सहमति जताई है। अब मामला सिर्फ फिल्म के क्लाइमेक्स में एक मुस्लिम किरदार द्वारा “जय श्री राम” बोलने पर अटका हुआ है। बोकाडिया कहते हैं कि यह फिल्म रिलीज होगी तो “जय श्री राम” के नाम के साथ ही होगी।
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