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जाजमऊ आगजनी केस: इरफान सोलंकी को कोर्ट ने दिया दोषी करार, 7 जून को होगा सजा का ऐलान

News Desk
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@uptak
जाजमऊ आगजनी केस

कानपुर। जाजमऊ आगजनी केस में एमपी/एमएलए कोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 अन्य उनके आरोपी साथियों को दोषी पाया है। इस पर 7 जून को अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी। बता दें कि इसके पहले ही कानपुर में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया और कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इरफान सोलंकी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 436, 427, 147, 504, 506, और 323 के तहत आरोप सिद्ध हुए हैं।

हालांकि, कोर्ट ने सोलंकी को धारा 336, 427, 147, 504, और 323 के तहत दोषी करार दिया है और धारा 386, 149, 120बी में दोषमुक्त कर दिया है। सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, शरीफ और इजराइल आटे वाला को आरोपी माना गया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद इरफान और उनके परिवार की तबीयत बिगड़ गई।

क्या है जाजमऊ आगजनी मामला?

जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में स्थित नजीर फातिमा के घर में 7 नवंबर 2022 को आग लगने की घटना ने कानपुर में सनसनी फैला दी थी। नजीर फातिमा ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों पर घर में आग लगाने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के अनुसार, नजीर का परिवार उस समय एक रिश्तेदारी में विवाह समारोह में गया हुआ था, जब उनका बेटा किसी काम से घर वापस आया और उसने देखा कि घर में आग लगी हुई है। आरोपियों ने उसके बेटे के साथ मारपीट की और उसे आग में धकेलने की भी कोशिश की।

एफआईआर दर्ज होने के बाद इरफान सोलंकी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए थे, जिसके चलते उन पर फर्जी आधार कार्ड के जरिए हवाई यात्रा करने का एक और मुकदमा दर्ज हो गया। आखिरकार, गिरफ्तारी से बचने का कोई रास्ता न मिलने पर उन्होंने अपने भाई रिजवान के साथ पुलिस कमिश्नर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। जेल में विधायक से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव पहुंचे थे। सुरक्षा कारणों से जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर इरफान सोलंकी को कानपुर से महाराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां से वे अब भी बंद हैं।

इस मामले में इरफान, रिजवान, मोहम्मद शरीफ, शौकत अली और इजराइल आटे वाला के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई चल रही थी। इरफान के अलावा रिजवान, शौकत अली और इजराइल आटे वाला कानपुर जेल में ही बंद हैं, जबकि मोहम्मद शरीफ को जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है।

छावनी में बदला कोर्ट परिसर

जाजमऊ आगजनी मामले में फैसला आने से पहले कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी थी। विशेष रूप से मुस्लिम इलाकों में फोर्स तैनात की गई थी और पैदल मार्च भी निकाला गया था। इसके साथ ही पूरे कोर्ट परिसर को छावनी में बदल दिया गया था।

सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी पिछले दो साल से महाराजगंज जेल में बंद हैं। 2022 में जाजमऊ थाना में आगजनी के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से उनके खिलाफ कई थानों में 10 से अधिक मुकदमें दर्ज किए गए हैं, जिनमें से कई मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। इस मामले में उनके भाई रिजवान सोलंकी और सहयोगी शौकत अली सहित अन्य कई लोग भी आरोपी हैं।

जिनसे जेल मिलने गए अखिलेश यादव, कोर्ट ने सुना दिया ऐसा फैसला, पकड़ लिया माथा #akhileshyadav

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