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Doda Encounter : डोडा के जंगल में भीषण मुठभेड़; कैप्टन और SOG जवान सहित पांच शहीद, ऑपरेशन जारी

News Desk
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डोडा के जंगल में भीषण मुठभेड़; कैप्टन और SOG जवान सहित पांच शहीद,

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के देसा वन क्षेत्र में सोमवार की रात एक दिल दहला देने वाली मुठभेड़ हुई, जिसमें आतंकियों ने शांति भंग करने का प्रयास किया। इस मुठभेड़ में कैप्टन सहित सेना के चार जवान और पुलिस के एक एसओजी जवान वीर गति को प्राप्त हो गए। मुठभेड़ देर रात तक चली, जिसमें पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इन बहादुर जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन जारी रखा है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया। अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में शाम करीब 7.45 बजे तलाशी अभियान शुरू किया। सेना की व्हाइट नाइट कोर ने अपने एक्स अकाउंट पर इस घटना की जानकारी दी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से फोन पर बात की और जमीनी हालात की जानकारी ली। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया और जवानों के बलिदान का बदला लेने की प्रतिज्ञा की। उन्होंने जनता से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और सुरक्षा बलों को सटीक जानकारी प्रदान करने का आह्वान किया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी जवानों के बलिदान पर दुख व्यक्त किया और कहा, “हम सब मिलकर दुश्मन के नापाक इरादों को परास्त करेंगे और शांति और सद्भाव बनाए रखेंगे।”

इस मुठभेड़ की जिम्मेदारी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहीदीन के मुखौटा गुट कश्मीर टाइगर्स ने ली है। हालांकि, सेना और पुलिस की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

इससे पहले, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों ने 24 घंटे पहले ही तीन आतंकियों को मार गिराया था। सेना और पुलिस के सतर्क जवानों ने नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया था। ऑपरेशन धनुष के तहत इस सफलता में तीन एके-47 राइफल, चार पिस्तौल और छह हथगोले सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे।

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है। 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी, उसी दिन रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला किया गया था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 8 जुलाई को कठुआ में आतंकियों के हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे।

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