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दिल्ली एयरपोर्ट पर अब आधा रह जाएगा चेक-इन में लगने वाला समय: जानिए इस खास सुविधा के बारे में नई सुविधा का शुभारंभ

News Desk
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दिल्ली एयरपोर्ट पर अब आधा रह जाएगा चेक-इन में लगने वाला समय: जानिए इस खास सुविधा के बारे में नई सुविधा का शुभारंभदिल्ली एयरपोर्ट
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नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब यात्री कम समय में चेक-इन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं, क्योंकि दिल्ली एयरपोर्ट ने एक नई स्वयं-सेवा प्रणाली शुरू की है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने मंगलवार को इस नई व्यवस्था की घोषणा की। इस नई त्वरित सामान ‘ड्रॉप’ सुविधा से चेक-इन प्रक्रिया में लगने वाला समय एक मिनट से घटकर सिर्फ 30 सेकंड हो गया है।

दुनिया में दूसरा एयरपोर्ट

दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इस प्रकार का समाधान पेश करने वाला देश का पहला और कनाडा के टोरंटो के बाद दुनिया का दूसरा एयरपोर्ट बन गया है। इस नई व्यवस्था में हवाई अड्डे पर यात्रियों के लिए टर्मिनल 1 और टर्मिनल 3 पर लगभग 50 सेल्फ-सर्विस बैग ड्रॉप (SSBD) यूनिट्स लगाई हैं। फिलहाल, यह सुविधा एयर इंडिया, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी तीन प्रमुख एयरलाइनों के लिए उपलब्ध है।

समय की बचत

पारंपरिक व्यवस्था में सामान ड्रॉप करने में लगभग एक मिनट का समय लगता था। लेकिन इस नई प्रणाली में यात्री चेक-इन डेस्क से आगे बढ़कर बोर्डिंग पास प्रिंट कर सकते हैं और साझा उपयोग स्वयं-सेवा (CUSS) कियोस्क पर सामान का टैग ले सकते हैं। डायल ने कहा कि सामान ड्रॉप करने वाली इकाइयों तक पहुंचने के बाद यात्रियों को अपना बोर्डिंग पास स्कैन करना होता है या बायोमेट्रिक कैमरों का सामना करना पड़ता है और अपने बैग को कन्वेयर बेल्ट पर रख देना होता है। इस प्रक्रिया को और भी कुशल बनाने के लिए डायल ने एक त्वरित ड्रॉप समाधान सुविधा शुरू की है, जिससे इस प्रक्रिया का समय लगभग एक मिनट से घटकर 30 सेकंड रह जाता है।

यात्रियों के लिए सहूलियत

डायल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि नई लाई गई सुविधा त्वरित ड्रॉप समाधान न केवल इस प्रक्रिया को तेज करता है बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा को और भी आसान बनाता है। त्वरित ड्रॉप की नई व्यवस्था में यात्री हवाई अड्डे पर पहुंचकर सीयूएसएस कियोस्क से अपने सामान का टैग ले सकते हैं और उन्हें सामान पर लगा सकते हैं। इसके बाद, यात्री बोर्डिंग पास या बायोमेट्रिक सत्यापन की जरूरत के बिना अपने बैग को कन्वेयर बेल्ट पर रख सकते हैं। यह सुविधा यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर उन लोगों के लिए जो समय की कमी में होते हैं।

विदेशी यात्रियों के लिए भी उपयोगी

यह नई सुविधा न केवल भारतीय यात्रियों के लिए, बल्कि विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित हो रही है। इससे उनकी यात्रा प्रक्रिया सरल और समय-संवेदनशील हो गई है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

यात्रियों का अनुभव

यात्रियों ने इस नई सुविधा की बहुत सराहना की है। एक यात्री ने कहा, “यह नई प्रणाली बेहद सुविधाजनक है। अब हमें लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं है। हम खुद ही अपना सामान टैग कर सकते हैं और बोर्डिंग पास प्रिंट कर सकते हैं। इससे हमें काफी समय की बचत हो रही है।”

पर्यावरण पर प्रभाव

यह नई प्रणाली पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। चेक-इन प्रक्रिया में लगने वाले कागज की मात्रा कम हो रही है, और इससे हवाई अड्डे पर कचरे की मात्रा भी कम हो रही है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

भावनात्मक प्रभाव

यात्रियों के लिए यह सुविधा न केवल समय की बचत कर रही है, बल्कि उनकी यात्रा को भी अधिक सुखद और तनावमुक्त बना रही है। यात्रा के दौरान तनाव और समय की चिंता कम हो जाने से यात्री अधिक आरामदायक महसूस कर रहे हैं।

यात्रियों की प्रतिक्रिया

इस नई सुविधा की शुरुआत के बाद से यात्रियों की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। एक अन्य यात्री ने कहा, “पहले हमें चेक-इन प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था, लेकिन अब यह बहुत तेज और आसान हो गया है। हमें यह सुविधा बहुत पसंद आई।”

भविष्य की योजनाएं

डायल की योजना है कि इस नई सुविधा को और भी विस्तारित किया जाए और अन्य एयरलाइनों के साथ भी इसे लागू किया जाए। इससे अधिक से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिल सकेगा और हवाई अड्डे की संचालन प्रक्रिया और भी सुगम हो जाएगी।

सुरक्षा और सुविधा का मेल

यह नई प्रणाली न केवल सुविधाजनक है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। बायोमेट्रिक कैमरों का उपयोग सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है, और यह यात्रियों के डेटा को सुरक्षित रखने में भी मदद करता है।

यात्रियों को अब इस नई सुविधा से काफी उम्मीदें हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस प्रणाली के माध्यम से उनकी यात्रा और भी सरल और आरामदायक हो जाएगी। डायल का यह कदम न केवल यात्रियों के लिए लाभकारी है, बल्कि भारतीय हवाई अड्डों की गुणवत्ता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देगा।

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