
नई दिल्ली। नीट यूजी पेपरलीक मामले में बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है। अब उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मामले में तेजस्वी यादव पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम के कहने पर ही पेपरलीक में शामिल एक कैंडिडेट्स के लिए एनएचएआई के गेस्ट हाउस का दरवाजा खोला गया था।
भ्रष्टाचार के आरोप
पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने दावा किया कि तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम ने सिकंदर प्रसाद यादवेंदु (दानापुर नगर परिषद जूनियर इंजीनियर) के परिजनों के नाम से गेस्ट हाउस के रूम बुक करवाया था। गेस्ट हाउस की एंट्री रजिस्टर में अनुराग यादव का नाम दर्ज है, और उसके नाम के आगे ब्रैकेट में “मंत्री” लिखा हुआ था। सिन्हा ने आरोप लगाया कि सॉल्वर गैंग के तार राजद से जुड़े हुए हैं। नीट यूजी पेपरलीक केस में जो लोग पकड़े गए हैं, उनका संबंध तेजस्वी यादव से है।
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पेपरलीक की गहरी साजिश
इस मामले में सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गेस्ट हाउस की एंट्री रजिस्टर में जिस अनुराग यादव का नाम दर्ज है, वह सिकंदर का रिश्तेदार है। अनुराग यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने गेस्ट हाउस से कैंडिडेट को सेफ हाउस ले जाकर पेपर रटवाया था। सिकंदर ने अपने कबूलनामे में बताया कि पेपरलीक केस के आरोपी नीतीश कुमार और अमित कुमार ने उससे कहा था कि वे नीट, बीपीएसएसी और यूपीएससी के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराकर कैंडिडेट्स को रटवाते हैं। नीट का पेपर भी 24 घंटे पहले कैंडिडेट्स को रटवाने के लिए मिल जाएगा। उसका यह बयान माननीय न्यायालय में साक्ष्य के रूप में पेश किया जाएगा।
राजद पर हमला
विजय सिन्हा ने राजद पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि राजद की मानसिकता ही भ्रष्टाचार, परिवारवाद और घोटाले की रही है। हालांकि, इस मामले में तेजस्वी यादव या राजद की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विजय सिन्हा ने दावा किया कि राजद के कई नेता और कार्यकर्ता इस पेपरलीक साजिश में शामिल हैं।
मामले की जांच
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
पेपरलीक साजिश का खुलासा
सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने कई अहम जानकारियां जुटाई हैं। उसने बताया कि पेपरलीक साजिश का मुख्य मकसद कैंडिडेट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराना था। नीट, बीपीएसएसी और यूपीएससी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक कराकर कैंडिडेट्स को रटवाने का काम किया जाता था। इस घटना के बाद सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा करने का निर्णय लिया है। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें और परीक्षा की शुचिता बनी रहे। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वे पेपरलीक साजिश में शामिल हर व्यक्ति को कठोर सजा दिलाने का संकल्प लेकर काम करेंगे।
शिक्षा में पारदर्शिता
इस मामले ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की मांग को और भी बल दिया है। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों। इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसी भी प्रकार की धांधली न हो सके।
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