नई दिल्ली:-आज पहली बार लोकसभा स्पीकर पद के लिये दोनों पक्ष के नेता अपने-अपने नाम की दावेदारी करने वाले हैं। इस बार एनडीए की तरफ से पूर्व अध्यक्ष ओम बिङला सदन के अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आई एन डी आई ए ( INDIA) की तरफ से सांसद के. सुरेश ने पद के लिए अपना नाम दिया है। सुरेश कांग्रेस की तरफ से आठ बार सांसद रह चुके हैं। वही ओम बिरला 17वें लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।

ऐसा पहली बार हुआ है कि लोकसभा स्पीकर के लिए निम्न सदन में चुनाव हो रहे हैं। आजादी के समय से ही ऐसा होता था कि चुनाव हमेशा लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए होता था। इस मुद्दे पर रामदास अठहले, संसदीय कार्यवाही मंत्री किरण रिजीजू, पीयूष गोयल और डिंपल यादव जैसे नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।पहली बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होने वाला है। 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की बैठक एक साथ करेंगी।
विपक्ष का अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ना परंपरा के खिलाफ
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि आज बीजेपी ने स्पीकर के लिए नाम पेश किया है। राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विपक्षी नेताओं से बातचीत करने की कोशिश की। विपक्षीय नेताओं ने अपना मत देने के लिए एक शर्त रखी। विपक्ष ने कहा कि हमें उपाध्यक्ष के पद के लिए नाम नहीं देना है। इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हम इस पर चर्चा कर सकते हैं कि उपाध्यक्ष कौन होगा।
विपक्ष का इस तरह लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ना संसदीय परम्परा के खिलाफ है।उन्होंने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को इस पर फिर से विचार करने के लिए कहना चाहता हूं, ताकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव एकजुट होकर हो सके।
उपाध्यक्ष का पद हमारा अधिकार
कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने अपने नामांकन को लेकर कहा कि यह फैसला पार्टी का है, ना कि मेरा। लोकसभा में एक कन्वेंशन है। इस कन्वेंशन में बताया गया है कि अध्यक्ष शासित पार्टी से होगा और उपाध्यक्ष हमेशा विपक्ष पार्टी से। उपाध्यक्ष का पद हमारा अधिकार है, लेकिन एनडीए हमें यह अधिकार देने को तैयार नहीं है। हमने आज सुबह 11:50 तक सरकार की जवाबदेही का इंतजार किया है। उनकी तरफ से कोई रिस्पांस ना आने पर हमें अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करना पड़ा।
पीयूष गोयल ने कहा स्पीकर पद पर विपक्ष कर रही है राजनीति
वहीं भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि हम विपक्ष के इस कदम की कड़ी निंदा करते हैं। विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष के चयन के लिये इस पर राजनीति कर रहा है। लोकसभा अध्यक्ष किसी भी पार्टी का नहीं होता है बल्कि यह तो संसद का आदरणीय पद होता है।
राहुल गांधी ने कहा हो रहा है हमारे नेताओं का अपमान
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि उनके नेताओं का अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज न्यूज़पेपर में छापा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को सरकार का साथ देने के लिए कहा है। हम अध्यक्ष पद के लिए अपना मत जरूर देंगे लेकिन उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को जाना चाहिए। राजनाथ सिंह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से इस विषय पर बात करने के लिए फोन किया। लेकिन खड़गे की व्यस्तता के कारण वेणुगोपाल उनकी जगह इस बात पर चर्चा करेंगे। गांधी ने कहा कि हमारे नेताओं का अपमान हो रहा है।
आपको बता दें कि एनडीए में 293 सांसद हैं । वहीं विपक्ष की तरफ से 234 सांसद हैं। ऐसे में देखा जाए तो बहुमत एनडीए की तरफ ही जा सकता है। इस मुद्दे को लेकर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कल 24 जून को लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार संसद में बैठक हुई। अभी भर्तृहरी महताब के 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर बनने पर भी विपक्ष ने एतराज जताया था।
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