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पहले NEET अब NET: परीक्षा में धांधली से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में

पहले NEET, अब NET: परीक्षा में धांधली से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में

उज्जवल गुप्ता
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पहले NEET अब NET

नई दिल्ली। नीट परीक्षा के विवाद का समाधान होते-होते अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) की परीक्षा को भी पेपर लीक होने की आशंका के कारण रद्द कर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को आयोजित NET 2024 की परीक्षा को बुधवार को रद्द करने का आदेश जारी किया।

साइबर अपराध से मिली जानकारी

शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि 19 जून, 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय साइबर अपराध की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के बारे में कुछ इनपुट प्राप्त हुए। इन इनपुट से संकेत मिलता है कि उक्त परीक्षा में कुछ गड़बड़ी की गई है।

दोबारा होगी परीक्षा

शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और पवित्रता के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करने के लिए जून 2024 की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की जा रही है और यह परीक्षा फिर से एक बार नए सिरे से आयोजित की जाएगी, जिसकी तारीख बाद में सभी उम्मीदवारों से साझा की जाएगी।”

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सीबीआई करेगी जांच

शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि मामले की आगे की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को शामिल किया गया है। जल्द ही इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की जाएगी।

व्यापक प्रभाव

NET 2024 की परीक्षा मंगलवार को पूरे भारत के 317 शहरों के 1205 परीक्षा केंद्रों में NTA द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें 11.21 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया और लगभग 9 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा में उपस्थिति दर्ज कराई। कुल पंजीकृत उम्मीदवारों में से लगभग 81% उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।

आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा में कुल 11,21,225 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 6,35,587 छात्राएं, 4,85,579 छात्र और 59 थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल थे। कुल में से 9,08,580 उम्मीदवार (81 प्रतिशत) परीक्षा में शामिल हुए।

लगातार पेपर लीक की समस्या

यह समस्या पहली बार नहीं है। हाल ही में नीट 2024 की परीक्षा भी विवादों में रही है और अब यूजीसी नेट की परीक्षा का रद्द होना देश की शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या हमारे देश की परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियां इस काम के लिए सक्षम नहीं हैं? यह सवाल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह करोड़ों छात्रों के भविष्य का सवाल है जो इस देश की शिक्षा व्यवस्था से निष्पक्ष, अखंड और सूझ-बूझ से परीक्षा कराने की उम्मीद रखते हैं।

छात्रों की मेहनत पर पानी

यह स्थिति उन छात्रों के लिए बेहद निराशाजनक है जो रात-रात भर जाग कर, 18-18 घंटे पढ़ाई करते हैं ताकि परीक्षा में अव्वल आ सकें। लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि उनकी सारी मेहनत बेकार चली गई क्योंकि पेपर लीक हो चुका है, तो उनकी आंखों में सिर्फ निराशा और प्रशासन से न्याय की उम्मीद बचती है। यह उनके लिए एक बड़ी मानसिक और भावनात्मक चोट है।

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