
नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति का नेतृत्व पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे।
समिति के गठन का उद्देश्य
यह समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी। इस कदम का उद्देश्य परीक्षा संचालन को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष बनाना है, जिससे विद्यार्थियों और अभिभावकों का भरोसा मजबूत हो सके।
समिति के सदस्य
समिति में देश के विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। इसमें हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव और एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया प्रमुख सदस्य हैं। इनके अलावा, अन्य चार विशेषज्ञ भी इस समिति का हिस्सा होंगे, जो परीक्षा सुधार के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें देंगे।
समिति की रिपोर्ट और समयसीमा
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह समिति अपनी जांच की रिपोर्ट दो महीने के भीतर पेश करेगी। रिपोर्ट में परीक्षा प्रक्रिया के सुधार के लिए ठोस सुझाव शामिल होंगे, जो भविष्य की परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में मदद करेंगे।
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प्रमुख परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला
इस समिति का गठन ऐसे समय में किया गया है जब यूजीसी नेट को रद्द करने और नीट यूजी 2024 के कथित पेपर लीक के मामले में शिक्षा मंत्रालय आलोचनाओं का सामना कर रहा है। इन विवादों के कारण विद्यार्थियों और अभिभावकों में चिंता और असंतोष की भावना बढ़ी है। ऐसे में, समिति का गठन एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जो इन समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में काम करेगा।
पूर्व इसरो प्रमुख का अनुभव
डॉ. के राधाकृष्णन, जिन्होंने इसरो में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया है, उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ इस समिति को मिलेगा। उनके नेतृत्व में, समिति परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।
शिक्षा मंत्रालय का बयान
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस समिति का गठन विद्यार्थियों के हित में किया गया है। मंत्रालय ने विश्वास जताया है कि समिति की सिफारिशें परीक्षा प्रणाली में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
समिति के कार्यक्षेत्र
समिति का कार्यक्षेत्र व्यापक होगा, जिसमें परीक्षा प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन और विश्लेषण किया जाएगा। डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार, परीक्षा तंत्र में पारदर्शिता बढ़ाने और एनटीए की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समिति सिफारिशें देगी।
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