पूर्व टीवी एंकर पर SEBI का कड़ा प्रहार: एक करोड़ रुपये का जुर्माना, 8 अन्य पर भी बैन

प्रेरणा द्विवेदी

धोखाधड़ीपूर्ण ट्रेडिंग प्रैक्टिस में शामिल पाए गए एंकर और अन्य,10.83 करोड़ रुपये के अवैध लाभ वापस करने का निर्देश

SEBI

मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक प्रमुख बिजनेस न्यूज चैनल के पूर्व एंकर और आठ अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं पर धोखाधड़ीपूर्ण ट्रेडिंग प्रैक्टिस में शामिल होने के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया है। SEBI ने पूर्व एंकर प्रदीप पंड्या और तकनीकी विश्लेषक अल्पेश वसांजी फुरिया पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बाकी छह संस्थाओं पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

SEBI ने इन सभी पर अगले 45 दिनों के भीतर जुर्माना राशि अदा करने का निर्देश दिया है। पंड्या, फुरिया और अन्य सात को ‘पंड्या का फंडा’ शो के माध्यम से धोखाधड़ीपूर्ण ट्रेडिंग प्रैक्टिस में शामिल होने के लिए दंडित किया गया है।

WhatsApp चैट्स से मिली अहम जानकारी

SEBI की जांच में प्रदीप पंड्या और अल्पेश फुरिया के बीच व्हाट्सएप चैट्स से महत्वपूर्ण सबूत मिले। इन चैट्स में स्टॉक सिफारिशों और ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा की गई थी, जो इन दोनों व्यक्तियों के बीच सूचना साझा करने के आरोप को साबित करने में सहायक रही।

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स्टॉक सिफारिशों और ट्रेडिंग में संबंध: SEBI

SEBI ने अपने अंतिम आदेश में कहा कि प्रदीप पंड्या द्वारा ‘पंड्या का फंडा’ शो में दी गई स्टॉक सिफारिशों और अल्पेश वसांजी फुरिया और संबंधित संस्थाओं द्वारा किए गए BTST और इंट्राडे ट्रेड्स के बीच उच्च सहसंबंध पाया गया। फुरिया ने इस विशेष जानकारी का लाभ उठाकर अपने और संबंधित संस्थाओं के खातों के माध्यम से ट्रेड्स को निष्पादित किया, जिससे उन्हें सार्वजनिक प्रसारण से पहले ही मुनाफा हो गया।

SEBI ने इन सभी संस्थाओं को अवैध रूप से अर्जित 10.83 करोड़ रुपये वापस करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें से 8.39 करोड़ रुपये पहले ही जमा किए जा चुके हैं। अब इन्हें 2.44 करोड़ रुपये के साथ 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा।

वित्तीय पत्रकारिता में नैतिकता का उल्लंघन

SEBI ने जोर देकर कहा कि वित्तीय पत्रकार, खासकर बिजनेस न्यूज चैनल के एंकर, वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब पत्रकार सामग्री गैर-सार्वजनिक जानकारी साझा करते हैं, तो यह न केवल नैतिक मानकों का उल्लंघन होता है, बल्कि बाजार की गतिशीलता को भी विकृत करता है।

SEBI का यह कड़ा कदम वित्तीय बाजार में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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