नई दिल्ली। ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भर्तृहरि महताब ने आज सुबह 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। यह पद अस्थायी है, लेकिन इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रोटेम स्पीकर का मुख्य कार्य नए सदस्यों को शपथ दिलाना और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करना होता है।
भर्तृहरि महताब का राजनीतिक सफर: सात बार के सांसद
भर्तृहरि महताब का जन्म 8 सितंबर 1957 को ओडिशा के भद्रक जिले के अगपदा में हुआ था। वह ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरेकृष्ण महताब के बेटे हैं। उत्कल यूनिवर्सिटी के रावेनशॉ कॉलेज से उन्होंने 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 1998 में पहली बार कटक लोकसभा सीट से बीजू जनता दल (बीजद) के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज की।
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भाजपा में शामिल होने की कहानी
भर्तृहरि महताब ने मार्च 2024 में बीजद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। कटक सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए उन्होंने बीजद के संतरूप मिश्रा को 57077 वोटों से हराया। महताब का यह कदम भाजपा के लिए बड़ी सफलता थी और वह सातवीं बार सांसद चुने गए।
प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्ति
संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि महताब के अनुभव और निरंतरता को देखते हुए उन्हें यह पद सौंपा गया है। उनके साथ सुरेश कोडिकुन्नील, थलिककोट्टई राजुथेवर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी सहायता के लिए नियुक्त किया गया है।
विपक्ष की आलोचना और सरकार का पक्ष
भर्तृहरि महताब की नियुक्ति पर विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस सांसद के. सुरेश को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया। हालांकि, किरेन रिजीजू ने कहा कि महताब का सात बार का अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।
उत्कृष्ट सांसद और साहित्यिक योगदान
भर्तृहरि महताब को 2017 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला था। इसके अलावा, उन्हें ‘वाद-विवाद’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। महताब एक लेखक भी हैं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
प्रोटेम स्पीकर की भूमिका
प्रोटेम स्पीकर का कार्यकाल अस्थायी होता है, लेकिन उनकी जिम्मेदारियां महत्वपूर्ण होती हैं। नए सदस्यों को शपथ दिलाने और नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करना उनकी मुख्य भूमिका होती है। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होगा, तब तक महताब यह जिम्मेदारी निभाएंगे।
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