
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भारी नुकसान झेलना पड़ा। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद मुस्लिम समाज ने उनका साथ नहीं दिया। मायावती ने स्पष्ट किया कि भविष्य में मुस्लिम समाज को सोच-समझकर ही मौका दिया जाएगा।
चुनाव में हुए नुकसान पर मायावती ने कहा कि पार्टी इसका गहन विश्लेषण करेगी और देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, शोषितों, आदिवासियों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए काम करती रहेगी, ताकि उनकी सुरक्षा और सम्मान पर मंडराता खतरा दूर हो सके।
इस बार के लोकसभा चुनाव में बसपा ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। मंगलवार को घोषित परिणामों में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं, भाजपा ने 33, सपा ने 37, कांग्रेस ने 6, रालोद ने 2, आजाद समाज पार्टी ने 1 और अपना दल (एस) ने एक सीट पर जीत हासिल की है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा और रालोद के गठबंधन के साथ 10 सीटें जीती थीं।
मायावती ने ढाई महीने लंबे चुनाव कार्यक्रम पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं होना चाहिए और इसे तीन से चार चरणों में ही पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव भीषण गर्मी से प्रभावित रहा, जिससे लोगों के उत्साह पर असर पड़ा। मायावती ने उम्मीद जताई कि लोकतंत्र और आमजन के हित को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग भविष्य में इन परेशानियों को अवश्य ध्यान में रखेगा।
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